Begusarai News: अजय कुमार ने बताया कि जिन छात्रों की पढ़ाई पूरी हो चुकी है उनकी लोन रिकवरी एक वर्ष बाद शुरू की जाती है. वर्तमान मे चौदह सौ छात्रों को रजिस्टर डाक सें नोटिस भेजा जा चुका है. जिसमें गयारह सौ बाईस छात्रों पर सर्टिफिकेट केस दर्ज करने हेतु सूची प्राप्त हुई है. जिसमें अब तक 924 छात्रों के खिलाफ सर्टिफिकेट केस करने के लिए जिला नीलाम कार्यालय को सूची और दस्तावेज भेजा जा चूका है. जिसमें साढ़े पांच सौ छात्रों पर केस दर्ज होने का केस नंबर प्राप्त हो चुका है.
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Student Credit Card: बेगूसराय में स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के तहत लोन लेकर नहीं चुकाने वाले छात्रों यह लोन महंगा पड़ने वाला है. इसके तहत बिभाग ने ऐसे छात्रों के खिलाफ कारवाई करते हुए मामला दर्ज करना शुरू कर चुकी है. दरअसल, सात निश्चय योजना के तहत आर्थिक हल युवाओं को बल देने के उद्देश्य सें तीन सें चार साल तक तकनीकी शिक्षा के लिए मिलने वाले मुख्यमंत्री स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना लोन की अदायगी नहीं करने वाले छात्रों पर बिहार राज्य बित्त निगम की तरफ से कार्रवाई शुरू कर दी है. इसके तहत 2016 सें लेकर 2020 के बीच इस योजना का लाभ लेने वाले छात्रों द्वारा लोन की अदायगी नहीं करने पर उन पर मुकदमा दर्ज करने की कारवाई शुरू कर दी गयीं है.
मिली जानकारी के अनुसार, अब तक इस योजना का लाभ लेने वाले लगभग दो हजार छात्र डिफॉल्टर साबित हुए है, जिसमें 924 छात्रों पर नीलामी केस दर्ज किया गया है. वहीं, एक हजार चार सौ छात्रों को नोटिस भेज दिया गया है. बताते चले कि ये वैसे डिफॉल्टर छात्र हैं, जिन्होंने पढ़ाई पूरा होने के एक साल बाद भी किस्त जमा नहीं किया है. इस मामले मे 198 छात्रों को राहत दी गईं है जो तकनीकी शिक्षा ग्रहण करने के बाद या तो बेरोजगार है या फिर उच्य शिक्षा ग्रहण कर रहे है.
बता दें कि बिहार सरकार की तरफ से आर्थिक हल युवाओं को बल देने के उद्देश्य सें मुख्यमंत्री स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना वर्ष 2016 सें बिहार मे संचालित है. जिसके तहत अधिकतम चार लाख की राशि लोन के रूप मे दी जाती है. जिसके तहत तीन या चार वर्ष की तकनीकी शिक्षा ली जा सकती है.
जानकारी के मुताबिक, अगर यह लोन दो लाख सें कम है तो यह लोन पांच वर्षों में 60 किस्त चुकाना है. यह लोन अगर चार लाख है तो इसे 84 किस्तों में चुकाना पड़ता है. अगर तकनीकी शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्र अपनी पढ़ाई बीच मे ही छोड़ देते है तो उन्हें एक मुश्त यह राशि अदा करना पड़ता है. इसी सिलसिले में बेगूसराय मे वर्ष 2016 सें 2020 तक के बीच इस योजना का लाभ लेने वाले लगभग दो हजार छात्र डिफॉल्टर साबित हुए है. जिसके ऊपर सर्टिफिकेट केस दर्ज करने का आदेश हुआ है. जिसमें 1400 छात्रों को नोटिस भेजी जा चुकी है. इस चौदह सौ छात्रों मे सें 924 के खिलाफ नीलामी केस दर्ज किया गया है. जबकि वही छह सौ नोटिस प्रक्रियाधीन है.
इस संबंध मे जिला बिहार राज्य शिक्षा वित्त निगम के सहायक प्रबंधक अजय कुमार ने बताया कि जिला वर्ष 2016 सें 2024 तक लगभग साढ़े ग्यारह हजार छात्रों को लोन स्वीकृत किया गया है. जिसमें साढ़े ग्यारह हजार छात्रों को लोन की राशि उपलब्ध कराई जा रही है. इस बित्तीय वर्ष मे 2612 छात्रों को स्वस्कृति दिया जाना है जिसमें सें 2200 छात्रों को लोन उपलब्ध कराया जा रहा है. इस वित्तीय वर्ष मे यह उपलब्धि लगभग 85 प्रतिशत के करीब है.
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अजय कुमार ने बताया कि इन छात्रों पर पंद्रह सें 16 करोड़ का लोन बकाया है. जो राशि इंटरेस्ट के साथ लगभग 17 करोड़ के लगभग है. अजय कुमार ने बताया कि अब तक इन छात्रों सें दो करोड़ के लगभग की राशि वसूली जा चुकी है. लोन वसूली के मामले मे बेगूसराय बिहार मे पहले स्थान पर है, जबकि पटना दुसरे स्थान पर है. वही नोटिस भेजने के मामले मे भी बेहतर स्थित मे है. अजय कुमार ने बताया कि यह लोन माफ नहीं होने वाली है.
रिपोर्ट: जितेन्द्र चौधरी
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