मुंबई: देश का वांटेड आतंकी दाऊद इब्राहिम (Dawood Ibrahim) अब तक पुलिस की पकड़ से बाहर है. करीब 25 साल पहले उसने मुंबई में पुलिस से बचने के लिए अपना तगड़ा मुखबिर (Informer) तंत्र बना रखा था. इन मुखबिरों में एक 'पत्रकार' (Journalist) भी शामिल था, जो उसे पुलिस की हर कार्रवाई की जानकारी देता रहता था. उस खबरी पत्रकार का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है.


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सूत्रों के मुताबिक 90 के दशक में मुंबई पुलिस लगातार दाऊद इब्राहिम (Dawood Ibrahim) के पीछे लगी हुई थी. हर सप्ताह उसके किसी न किसी ठिकाने पर पुलिस की रेड होती थी और उसके कई आदमी पुलिस एनकाउंटर में मारे जा रहे थे. इससे बचने के लिए दाऊद इब्राहिम ने अपने एक खासमखास को 'पत्रकार' (Journalist) का चोला ओढ़ाकर पुलिस की जानकारियां हासिल करने का पैंतरा चला. 


अपने खासमखास को पहनाया 'पत्रकार' का चोला
दाऊद इब्राहिम (Dawood Ibrahim) ने एक छोटा अखबार चलाने वाले करीबी से कहकर अपने खासमखास को उसके संस्थान का आईकार्ड दिलवाया. इसके बाद वह खासमखास 'पत्रकार' (Journalist) क्राइम रिपोर्टिंग के बहाने पुलिस अधिकारियों के दफ्तर और थानों में जाने लगा. वहां से उसे दाऊद के खिलाफ की जाने वाली पुलिस की कार्रवाइयों की जानकारी मिलने लगी. जिसे वह रोजाना शाम को दाऊद इब्राहिम को कॉल करके बता दिया करता था.


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STD बूथ के जरिए दाऊद को देता था सूचना 
चूंकि उन दिनों मोबाइल फोनों का चलन शुरू नहीं हुआ था. इसलिए वह 'पत्रकार' (Journalist)  हमेशा STD बूथ के जरिए दाऊद (Dawood Ibrahim) को सूचना देता था. इस वजह से दाऊद गैंग में उस मुखबिर को 'STD' के नाम से भी पुकारा जाता था. पुलिस मुख्यालय पहुंचने पर वह वहां बैठे बाकी पत्रकारों का चाय का ऑफर कर उनसे दोस्ती बनाने की कोशिश करता था और ऐसा करके उनसे भी पुलिस की जानकारी निकाल लेता था. 


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दाऊद की बहनों को कुरान पढ़ाती थी 'पत्रकार' की मां
वह 'STD पत्रकार'  (Journalist) इतना शातिर था कि बाकी पत्रकारों को उस पर कभी ज्यादा शक नहीं हुआ. हालांकि रोजाना दाऊद (Dawood Ibrahim) गैंग से जुड़ी जानकारियां पूछने पर पुलिस मुख्यालय में नियुक्त रहे एक सिपाही को उस पर संदेह होने लगा था. चूंकि उस 'पत्रकार' की मां दाऊद की बहनों को कुरान भी पढ़ाती थी. इसलिए उसका बैकग्राउंड जानने के बाद सिपाही ने आला अधिकारियों को सूचित किया तो उसे 'पत्रकार' पर नजर रखने का निर्देश दिया गया. 


जमानत से छूटने के बाद 'वह' पुलिस का खबरी बन गया
पुलिस ने पड़ताल करने के बाद उसे अरेस्ट कर लिया लेकिन कुछ महीनों बाद वह जमानत पर छूट गया. जमानत पर छूटने के बाद वह मुंबई पुलिस का खबरी बन गया और उसे दाऊद (Dawood Ibrahim) गैंग की गतिविधियों की जानकारी देने लगा. उन जानकारियों के आधार पर मुंबई पुलिस ने दाऊद गैंग के खिलाफ कई सफल ऑपरेशन किए और उसके कई बदमाशों को मार गिराया. 


दाऊद-पुलिस के डबल एजेंट रहे 'पत्रकार' का निधन
दाऊद और मुंबई पुलिस के लिए किसी समय डबल एजेंट रहे 'STD पत्रकार'  (Journalist) का बुधवार को अपने घर में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. वह दक्षिण मुंबई के घर में अपने परिवार के साथ रहता था. मुंबई पुलिस ने उस 'खबरी पत्रकार' की मौत पर चुप्पी साध रखी है. वहीं दाऊद गैंग की ओर से भी कुछ नहीं कहा गया है.