Freeze-Dried Astronaut Food: 'मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है' ये शेर गाजियाबाद के अजय पर बहुत फिट बैठता है. इस छोटी सी उम्र में ही अजय ने वो कारनामा कर दिखाया जिसे करने में बड़े-बड़े वैज्ञानिकों की उम्र बीत जाती है. 12वीं क्लास में पढ़ने वाले अजय ने नासा के एक प्रतियोगिता में भाग लिया था. नासा ने (नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन) डीप स्पेस फूड चैलेंज नाम से एक प्रतियोगिता का आयोजन किया था जिसमें दुनियाभर से आवेदन मांगे गए थे. नासा ने लोगों के सामने मंगल मिशन (Mission Mars) पर जाने वाले अंतरिक्ष यात्री के लिए खाना तैयार करने की शर्त रखी थी और खाना ऐसा हो जिसे 3 सालों तक स्टोर किया जा सके, इस प्रतियोगिता की यह पहली शर्त थी. इसकी दूसरी शर्त थी कि इस खाने से अंतरिक्ष यात्रियों को पूरा पोषण भी मिले. 


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अजय PCM का छात्र


अजय भारत से इकलौते ऐसे प्रतिभागी है. जिन्होंने इस प्रतियोगिता में भाग लिया था. आपको बात दें कि अजय की साइंस में खास दिलचस्पी है और 12वीं में फिजिक्स, कैमिस्ट्री और मैथ के विषय पर ज्यादा ध्यान देते हैं. खबर है कि अजय ने इस प्रतियोगिता में केवल भाग ही नहीं लिया बल्कि टॉप 28 में जगह बनाने में भी सफल हुए. मीडिया से बात करते हुए अजय ने कहा कि उनके बनाए फार्मूले को नासा के टॉप 28 में जगह मिली.


आयुर्वेद से मिली प्रेरणा


अजय ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उनकी तलाश आयुर्वेद पर जाकर खत्म हुई. अजय के परिवार में सभी लोग आयुर्वेद पर भरोसा करते हैं. अजय ने बताया कि नदी के किनारे पाई जाने वाली औषधियों से उसने ये फार्मूला तैयार किया है. इस जड़ी-बूटी का पहला परिक्षण अजय ने अपने पिता पर किया था इसमें सफलता हासिल होने के बाद अजय ने प्रतियोगिता के लिए अपना नाम दिया. इस खास औषधि के मात्र 6 से 7 ग्राम सेवन से आपके शरीर में पोषक तत्वों की कमी पूरी हो जाएगी. आगे प्रतियोगिता मे भाग लेने के लिए अजय के पिता ने सरकार से मदद भी मांगी है.  


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