नई दिल्ली: चीन (China) से तनाव के बीच रक्षा मंत्रालय (Defence Ministry) ने भारतीय सेना (Indian Army) को 10,00,000 हैंड ग्रेनेड (Hand Grenades) की आपूर्ति वाले एक करार पर हस्ताक्षर किये हैं. नागपुर की कंपनी के साथ हुई 409 करोड़ की इस डील से सेना की ताकत में इजाफा होगा. 


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पुराने हैंड ग्रेनेड की लेंगे जगह
मंत्रालय के मुताबिक, यह मल्टी-मोड हैंड ग्रेनेड सेना द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे विश्व युद्ध-2 विंटेज डिजाइन वाले हैंड ग्रेनेड की जगह लेंगे. मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि रक्षा मंत्रालय (MOD) की खरीद इकाई ने गुरुवार को भारतीय सेना को 409 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से 10 लाख मल्टी-मोड हैंड ग्रेनेड्स की आपूर्ति के लिए नागपुर की मैसर्स इकोनॉमिक एक्सप्लोजिव लिमिटेड (EEL) के साथ अनुबंध पर हस्ताक्षर किए.


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DRDO कर रहा डिजाइन
अधिकारियों ने बताया कि इकोनॉमिक एक्सप्लोजिव लिमिटेड द्वारा आपूर्ति किए जाने वाले हैंड ग्रेनेड्स को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा डिजाइन किया जा रहा है. बयान में कहा गया है कि ये उत्कृष्ट डिजाइन वाले ग्रेनेड हैं, जिन्हें आक्रामक और रक्षात्मक दोनों तरह की लड़ाई में इस्तेमाल किया जा सकता है. यह भारत सरकार के तत्वावधान में सार्वजनिक-निजी साझेदारी का प्रदर्शन करने वाली प्रमुख परियोजना है, जो  अत्याधुनिक गोला बारूद प्रौद्योगिकियों में ‘आत्म निर्भरता’ को सक्षम बनाती है’.


सेना के हाथ मजबूत करने में जुटी सरकार 
चीन से मुकाबले के लिए सरकार सेना के हाथ लगातार मजबूत करने में जुटी है. हाल ही में उपकरण और हथियारों की खरीद के लिए 2 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम को मंजूरी दी गई है. रक्षा अधिग्रहण परिषद द्वारा भारतीय सशस्त्र बलों को विभिन्न आवश्यक उपकरणों के लिए पूंजी अधिग्रहण के प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है. इनकी अनुमानित लागत 2,290 करोड़ रुपये की बताई जा रही है. जानकारी के मुताबिक, सेना के लिए स्मार्ट एंटी एयरफील्ड वेपन, एचएफ रेडियो सेट के साथ ही SIG SAUER असॉल्ट राइफल्स खरीदने की योजना है.