Delhi Aiims: अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो जाए तो बात समझ आती है. लेकिन बिना इलाज के एक भी मौत होना किसी त्रासदी से कम नहीं होता. ऐसे दुखद और शर्मानाक मामलों में न सिर्फ परिवार टूट जाता है बल्कि उसका उस व्यवस्था के ऊपर से विश्वास डगमगा जाता है, जिस सिस्टम का वो हिस्सा होता है. कुछ ऐसी ही मानवता को शर्मसार करने वाली टना दिल्ली के तीन बड़े और नामी गिरामी अस्पतालों से सामने आई, जिसके बारे में जानकर आप चौंक जाएंगे. 


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बीमार पति को लेकर 9 घंटे तक दौड़ी महिला


मामला चार दिन पुराना है. लेकिन तूल पकड़ रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उत्तराखंड की सपना करीब दो हफ्ते पहले अपने पति पुनीत शर्मा का इलाज कराने दिल्ली आई थीं. उनके पति को जीभ का कैंसर था. पीड़िता के मुताबिक वो हसबैंड को लेकर तीन-तीन सरकारी अस्पतालों में गईं, लेकिन कहीं भी उनके पति को जगह नहीं मिली.


बकौल सपना, 'पति पुनीत को 16 मार्च को दिल्ली राज्य कैंसर संस्थान (DSCI) अस्पताल में भर्ती कराया था. 28 मार्च को उन लोगों ने AIIMS/GB पंत अस्पताल में रेफर किया. क्योंकि वहां ICU नहीं था. हम रात करीब 8 बजे एम्स पहुंचे जहां डॉक्टरों ने उसे अटेंड नहीं किया. हमें बताया गया कि एम्स के पास बेड और वेंटिलेटर नहीं है, इसलिए भर्ती नहीं कर सकते. सफदरजंग अस्पताल जाने को कहा गया. वहां भी कुछ नहीं हुआ. मैंने पति को ए​डमिट करने की मिन्नतें कीं, लेकिन अस्पताल ने मना कर दिया. फिर मैं जीबी पंत अस्पताल पहुंची, वहां भी कुछ नहीं हुआ. घंटों दौड़ती रही और कहीं भी कोई सुनवाई नहीं हुई तो वापस पति को DSCI लेकर पहुंची जहां 30 मार्च की सुबह सिस्टम की लाचारी ने मेरे पति की जान ले ली.'


सपना का कहना है कि ये उनके पति की नहीं बल्कि पूरे सिस्टम की मौत है. जिसपर ध्यान दिया जाना चाहिए. उन्हें अब ये चिंता सता रही है कि अब उनकी जिंदगी कैसे चलेगी.