Delhi Air Pollution Today: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में ठंड बढ़ने के साथ एक बार फिर पूरे एनसीआर को प्रदूषण ने जकड़ लिया है. पिछले कई दिनों से दिल्ली के अलावा नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद और गुरुग्राम में वायु की गुणवत्ता (AQI) 'खराब' श्रेणी में बनी हुई है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, रविवार शाम चार बजे 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 277 दर्ज किया गया. प्रदूषण का ये हाल दिवाली से पहले हो गया है और अगले 10 दिन काफी मुश्किल भरे हो सकते हैं. 31 जनवरी को दिवाली (Diwali 2024) मनाई जाएगी और इसके बाद प्रदूषण में तेजी से बढ़ोतरी हो सकती है.


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दिल्ली के 14 केंद्रों में स्थिति बहुत खराब


दिल्ली के 35 निगरानी केंद्रों में से 14 ने रविवार को वायु गुणवत्ता (AQI) को 'बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज किया, जबकि शनिवार को यह संख्या 11 थी. इन केंद्रों में आनंद विहार, बवाना, द्वारका, जहांगीरपुरी, मुंडका, नरेला, पटपड़गंज, रोहिणी, शादीपुर, सोनिया विहार और वजीरपुर शामिल हैं. वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए केंद्र की निर्णय सहायता प्रणाली के अनुसार, दिल्ली के वायु प्रदूषण में परिवहन से होने वाले उत्सर्जन का योगदान लगभग 9.69 प्रतिशत है.


कब कितना खतरनाक होता है एक्यूआई


मानकों के मुताबिक, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) शून्य से 50 के बीच हो तो इसे ‘अच्छा’ माना जाता है और जब यह 51 से 100 के बीच हो तो इसे ‘संतोषजनक’ श्रेणी में माना जाता है. अगर एक्यूआई 101 से ज्यादा हो जाए और 200 से कम रहे तो ‘मध्यम’ और 201 से 300 के बीच हो जाए तो इसे ‘खराब’ माना जाता है. वहीं, जब एक्यूआई 301 से 400 के बीच पहुंच जाए तो इसे ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच होने पर ‘गंभीर’ माना जाता है.


दिल्ली-एनसीआर में क्यों बढ़ रहा प्रदूषण


राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत पूरे एनसीआर में प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ रहा है. हर साल सर्दियों के महीनों के दौरान दिल्ली को गंभीर प्रदूषण का सामना करना पड़ता है और इस साल भी यहीं स्थिति है. यह स्थिति कई कारणों से उत्पन्न होती है, जैसे हवा की कम गति, गिरता तापमान, उच्च नमी का स्तर और प्रदूषण कणों की उपस्थिति, जो संघनन के लिए सतह के रूप में कार्य करते हैं.


प्रदूषण के दौरान क्या करें-क्या नहीं?


प्रदूषण से बचाव को लेकर दिल्ली स्थित राम मनोहर लोहिया अस्पताल ने एडवाइजरी जारी की है और बताया है कि प्रदूषण से सबसे ज्यादा खतरा बुजुर्गों के अलावा 5 साल से कम उम्र के बच्चों को है. जरूरत ना हो तो घर से बाहर ना निकलें और अगर निकलना पड़े एन-95 मास्क लगाकर ही जाएं. सांस, फेफड़े या दिल की बीमारी से पीड़ित लोग विशेष ध्यान रखें और डॉक्टर के संपर्क में रहें. खाना बनाने के लिए धुआं रहित साधनों का इस्तेमाल करें. अपनी गाड़ी की जगह सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें. अगर सांस लेने में या आंखों में जलन के अलावा किसी तरह की समस्या हो तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं.


पराली जलाने में कमी, फिर भी बढ़ रहा प्रदूषण


एक नवीनतम अनुसंधान के अनुसार, पिछले वर्षों की तुलना में इस वर्ष पराली जलाने की दर में कमी आई है. इस बीच, शनिवार को सेटेलाइट से मिले आंकड़ों के अनुसार, पंजाब में पराली जलाने की 45 घटनाएं, हरियाणा में 15 और उत्तर प्रदेश में 30 घटनाएं दर्ज की गईं. आंकड़ों के मुताबिक 15 सितंबर से 19 अक्टूबर के बीच पराली जलाने की कुल 2,733 घटनाएं दर्ज की गईं. इनमें से पंजाब में 1,393, हरियाणा में 642, उत्तर प्रदेश में 687 और दिल्ली में 11 मामले सामने आए. अध्ययन के मुताबिक, पराली जलाने की घटनाओं में पिछले पांच वर्षों में पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली जैसे राज्यों में लगातार कमी आ रही है.


तापमान 35.8 डिग्री सेल्सियस


भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के मुताबिक, सर्दियों के करीब आने के साथ ही दिल्लीवासियों को सुबह और शाम के समय हल्की ठंड का एहसास होने लगा है. रविवार को अधिकतम तापमान 35.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 3.2 डिग्री अधिक है. विभाग ने बताया कि दिन के दौरान आर्द्रता का स्तर 63 प्रतिशत से 91 प्रतिशत के बीच रहा. मौसम विभाग के अनुसार, सोमवार को आसमान साफ ​​रहने की संभावना है. अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्रमश: 36 डिग्री सेल्सियस और 18 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है.