नई दिल्ली: दिल्ली बॉर्डर सील मामले को लेकर दिल्ली के 7.5 लाख से अधिक लोगों ने अपना सुझाव मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को भेजा है. 7 लाख से अधिक लोगों ने वाट्सऐप पर सुझाव भेजा है.


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इसके बाद कॉल करके 53 हजार लोगों ने सुझाव रिकॉर्ड कराया है. साथ ही ईमेल करके करीब 5 हजार लोगों ने सुझाव दिया है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के लोगों से बॉर्डर खोलने या नहीं खोलने और दिल्ली के अस्पतालों को दिल्ली के लोगों के लिए रिजर्व करने को लेकर सुझाव और मार्गदर्शन मांगा था.


उसी के परिप्रेक्ष्य में लाखों लोगों ने अपने सुझावों को वाट्सऐप नंबर 8800007722, ईमेल-delhicm.suggestions@gmail.com के साथ हेल्पलाइन नंबर 1031 पर कॉल करके रिकॉर्ड कराया है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शनिवार को जनता से मिले सुझावों पर विचार करके दिल्ली बॉर्डर खोलने का फैसला लेंगे. 


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बीते सोमवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि दिल्ली में देशभर के लोग इलाज कराने के लिए आते हैं. बॉर्डर खोल दिया तो देशभर से लोग इलाज कराने के लिए दिल्ली आएंगे और अस्पतालों के पूरे बेड कुछ दिन में ही भर जाएंगे. मुख्यमंत्री ने दिल्ली निवासियों से पूछा कि ऐसे में क्या बॉर्डर खोलने चाहिए या नहीं खोलने चाहिए? उन्होंने कहा था कि दिल्ली सबकी है और देश की राजधानी है. दिल्ली किसी का इलाज करने से मना नहीं कर सकती है. फिर भी इस पर दिल्ली के निवासियों का हमें सुझाव और मार्ग दर्शन चाहिए.


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उन्होंने लोगों से शुक्रवार शाम 5 बजे तक सुझाव देने के लिए कहा था. इसके लिए वाट्सऐप नंबर 8800007722 और ईमेल- delhicm.suggestions@gmail.com जारी किया गया था और हेल्पलाइन नंबर 1031 पर कॉल करके भी सुझाव रिकॉर्ड कराने के लिए कहा गया था. इसके साथ ही उन्होंने एक सप्ताह के लिए दिल्ली बॉर्डर को सील करने की घोषणा की थी. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अपील पर शुक्रवार शाम तक ईमेल पर करीब 5000 दिल्ली के लोगों ने अपने सुझाव भेजे हैं. जबकि वाट्सऐप पर 7 लाख लोगों ने सुझाव भेजा है. इसके अलावा 53 हजार लोगों ने कॉल करके अपना सुझाव रिकॉर्ड कराया है. इस तरह मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बॉर्डर खोलने को लेकर 7.5 लाख से अधिक लोगों ने सुझाव भेजा है. मुख्यमंत्री जनता से मिले सुझावों पर शनिवार को विशेषज्ञों से चर्चा करेंगे और इसके बाद बॉर्डर खोलने को लेकर ठोस फैसला लेंगे. साथ ही दिल्ली के अस्पतालों में सिर्फ दिल्ली के लोगों का इलाज हो या सभी का इलाज हो, इसपर भी निर्णय होगा.