Arvind Kejriwal News: आबकारी नीति मामले में सीबीआई ने रविवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से 9 घंटे तक पूछताछ की. दिल्ली के सीएम से सीबीआई ने 56 सवाल पूछे. यह जानकारी खुद केजरीवाल ने दी है. उन्होंने कहा कि सीबीआई ने जो भी सवाल पूछे, उन सभी के जवाब मैंने दिए हैं. पूछताछ खत्म होने के बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा, आबकारी नीति का पूरा मामला फर्जी है. उनके पास कोई सबूत नहीं है कि आम आदमी पार्टी गलत है. यह गंदी राजनीति का नतीजा है.


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उन्होंने कहा सीबीआई अधिकारियों ने मुझसे दोस्ताना और सौहार्दपूर्ण तरीके से सवाल पूछे. मैंने उनके पूछे सारे सवालों के जवाब दिए. सीएम ने कहा, सीबीआई ने आबकारी नीति मामले से जुड़े करीब 56 सवाल पूछे, जिसमें यह भी शामिल था कि नीति कब और क्यों शुरू की गई थी. बीजेपी पर हमला बोलते हुए सीएम ने कहा, वे AAP को खत्म करना चाहते हैं क्योंकि वे स्कूल, अस्पताल नहीं बना सकते जैसा कि हमारी पार्टी ने दिल्ली, पंजाब में किया.


इन लोगों के बारे में भी हुई पूछताछ


अफसरों के मुताबिक,दिल्ली के सीएम एसयूवी में सुबह करीब 11.05 बजे सीबीआई हेडक्वॉर्टर पहुंचे. उन्हें सीबीआई दफ्तर के फर्स्ट फ्लोर के दफ्तर में ले जाया गया, जहां उनका बयान दर्ज किया गया. इसके अलावा उनसे आप नेता विजय नायर, कारोबारी समीर महेंद्रू और नीति के लागू होने से पहले बात लीक होने के बारे में पूछा गया. वह रात 8.15 बजे सीबीआई दफ्तर से बाहर निकले.


सीबीआई दाखिल करेगी सप्लीमेंट्री चार्जशीट


इस मामले में सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल कर दी है और अब वे सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी में है. दिल्ली के तत्कालीन उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को इस मामले में सीबीआई और ईडी ने गिरफ्तार किया था और फिलहाल वह सलाखों के पीछे हैं. दिल्ली पुलिस ने किसी भी तरह की परेशानी से बचने के लिए सीबीआई मुख्यालय और उसके आसपास धारा 144 लगा दी थी और 1,305 आप कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया था.


केजरीवाल से सीबीआई की पूछताछ को लेकर दिल्ली सरकार में मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्लीवालों के सब्र का बांध आज टूट गया है. उनके मुताबिक, प्रदर्शन के दौरान दिल्ली के 32 विधायकों और 70 पार्षदों को हिरासत में लिया जा चुका है. AAP के मुताबिक, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ आए 20 विधायकों को भी हिरासत में लिया गया. इससे पहले पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा कि यह लोकतंत्र नहीं, बल्कि तानाशाही है. भगवंत मान ने कहा कि यह कैसा लोकतंत्र है कि हमें हर बात के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ता है.


(इनपुट-एजेंसियां)


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