भारतीय जनता पार्टी के सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण बृजभूषण शरण सिंह को महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के मामले में जमानत मिल गई है. दिल्ली की राउज ऐवेन्यू कोर्ट ने उन्हें नियमित जमानत दी है. कोर्ट ने महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न मामले में बृजभूषण शरण सिंह की नियमित जमानत याचिका पर गुरुवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसे अब सुना दिया गया है.


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कोर्ट ने बृजभूषण शरण सिंह के साथ-साथ कुश्ती महासंघ के सहायक सचिव विनोद तोमर सिंह को भी नियमित जमानत दी है. दोनों को 25-25 हजार रुपए के निजी मुचलके पर जमानत मिली है. दिल्ली पुलिस ने छह बार के सांसद के खिलाफ 15 जून को भारतीय दंड संहिता की धारा 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से हमला या आपराधिक बल प्रयोग करना), 354ए(यौन उत्पीड़न), 354डी (पीछा करना) और 506 (आपराधिक भयादोहन) के तहत आरोपपत्र दाखिल किया था.


न्यायाधीश ने आरोपी और अभियोजन पक्ष के वकीलों के साथ-साथ शिकायतकर्ताओं की दलीलें सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया था. न्यायाधीश ने कहा था, “शाम 4 बजे आदेश पारित किया जाएगा.”


कोर्ट रूम में क्या हुआ?


सुनवाई के दौरान, दिल्ली पुलिस का प्रतिनिधित्व कर रहे सरकारी वकील ने अदालत से कहा कि आरोपियों पर कानून के मुताबिक मुकदमा चलाया जाए और राहत दिए जाने पर कुछ शर्तें लगाई जाएं.


अदालत ने जब अभियोजक से पूछा कि क्या वह जमानत याचिका का विरोध कर रहे हैं, तो उन्होंने कहा, “मैं न तो विरोध कर रहा हूं और न ही समर्थन कर रहा हूं.”


उन्होंने अदालत से कहा, “अर्जी का निस्तारण कानून और न्यायालय द्वारा पारित आदेश के अनुसार किया जाना चाहिए.”


शिकायतकर्ताओं की ओर से पेश हुए वकील ने अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि आरोपी बहुत प्रभावशाली है.


उन्होंने अदालत से कहा, “जमानत नहीं दी जानी चाहिए. यदि इसकी अनुमति दी जाती है, तो कड़ी शर्तें लगाई जानी चाहिए. समय-समय पर गवाहों से संपर्क किया गया है, हालांकि कोई खतरा नहीं है.”


आरोपी के वकील ने अदालत से कहा कि वह सभी शर्तों का पालन करेंगे.


बचाव पक्ष के वकील ने अदालत से कहा, “कोई धमकी वगैरह नहीं दी जाएगी. कानून बहुत स्पष्ट है. उन्हें जमानत दी जानी चाहिए. मैं शर्तों का पालन करने का वचन दे रहा हूं.”