नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में आईजीआई (IGI) एयरपोर्ट के पास हुई विदेशी नागरिक की हत्या (Foreigner's killing Delhi) की गुत्थी सुलझ गई है. इस मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. दिल्ली पुलिस (Delhi Police) के हत्थे चढ़े आरोपियों का नाम वीरेंद्र सिंह, गोपाल सिंह और दिलबाग उर्फ बिल्लू है. सभी आरोपी रंगपुरी इलाके के रहने वाले हैं. पूछताछ में इन्होंने गुनाह कबूल करते हुए बताया कि टैक्सी के किराए को लेकर विदेशी नागरिक से इनका झगड़ा हुआ था. जिसके बाद इन लोगों ने उसे पीट-पीटकर मार दिया था. 


'वतन वापसी की थी तैयारी'


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आईजीआई एयरपोर्ट के डीसीपी राजीव रंजन ने बताया की 17 मई को एयरपोर्ट थाना पुलिस को होटल के पास विदेशी नागरिक का शव मिलने की खबर मिली थी. इंस्पेक्टर मोहिंदर लाल और सब इंस्पेक्टर धर्मेंद्र की टीम ने जांच शुरू की और मौके से गोल्ड कलर का मोबाइल बरामद किया जिसमें आखिरी डायल नंबर ट्रैवल एजेंट मनोज साहू का था.


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ट्रैवल एजेंट से बात करने पर उसने मृतक केन्या (Kenya) निवासी जामा सईद फरहा के पासपोर्ट की कॉपी पुलिस को दी. मृतक ने ट्रैवल एजेंट से 17 मई को दिल्ली से सोमालिया जाने का टिकट बुक करवाया था. ट्रैवल एजेंट ने ही मृतक की बेटी को उसके पिता की मौत की जानकारी दी.


सोमालिया से आए थे जामा सईद


मृतक की बेटी ने पुलिस को बताया कि उसके पिता 2 हफ्ते पहले दिल की बीमारी का इलाज करवाने भारत आए थे. कोरोना की वजह से इलाज नहीं हो पाया. वो 17 तारीख को वापस लौट रहे थे लेकिन वीजा उपलब्ध ना होने के कारण उनका इमीग्रेशन क्लीयरेंस एयरपोर्ट पर नहीं हुआ था तो इस वजह से वो सोमालिया नहीं जा सके. 


इस तरह हुआ खुलासा


एयरपोर्ट से बाहर आने के बाद उन्होंने हरियाणा रजिस्ट्रेशन की टैक्सी महिपालपुर होटल जाने के लिए ली थी. पुलिस को मृतक का सामान भी गायब था. बेटी द्वारा दिया गया टैक्सी नंबर रंगपुरी निवासी वीरेंद्र सिंह उर्फ मोनू के नाम पर रजिस्टर्ड मिला. जिसके बाद वीरेंद्र सिंह को उसके घर से दबोच लिया गया. उसने अपने दो साथियों के नाम भी बताए. आरोपी ने बताया कि मृतक ने टर्मिनल 3 से महिपालपुर जाने के लिए टैक्सी ली थी. किराए को लेकर उनकी बहस हो गई थी. जिसके बाद वारदात को अंजाम देकर वो फरार हो गए थे.