15,000 अवैध बैंक खाता... साइबर क्राइम के मामले में छापेमारी के दौरान दिल्ली में ED टीम पर हमला, अधिकारी घायल
ED team attacked in Delhi: ईडी की टीम कथित तौर पर साइबर ऐप धोखाधड़ी मामले की जांच के सिलसिले में छापेमारी के लिए दिल्ली के बिजवासन इलाके में गई थी. जहां पर हमला हुआ है. इसमें कई लोगों के घायल होने की सूचना है.
ED team attacked in cyber crime case: दिल्ली के बिजवासन इलाके में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम पर हमला किया गया है. पुष्पांजलि में एक फार्म हाउस पर साइबर क्राइम के मामले को लेकर ईडी की टीम रेड करने गई थी. इसी दौरान ईडी की टीम पर हमला किया गया. बताया गया कि फार्म हाउस का नाम ए के फॉर्म है. वहीं, इस हमले में चार-पांच लोगों को चोट आई है. उधर, घटना की जानकारी लगने पर स्थानीय थाना पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी है. ईडी की टीम साइबर क्राइम के एक मामले में आरोपी आकाश शर्मा के ठिकानों पर छापेमारी करने पहुंची थी. हमले के दौरान एक अधिकारी को भी चोट लगी है.
हमले में अधिकारी घायल
साइबर धोखाधड़ी से जुड़े धन शोधन मामले में दिल्ली में छापेमारी कर रही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम पर गुरुवार को कथित तौर पर हमला किया गया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. जांच एजेंसी ने राष्ट्रीय राजधानी के बिजवासन क्षेत्र में स्थित एक फार्महाउस पर हुई घटना के संबंध में पुलिस में प्राथमिकी दर्ज कराई है, जहां ईडी अधिकारियों ने छापेमारी की थी. बिजवासन क्षेत्र दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के कापसहेड़ा थाना क्षेत्र के अंतर्गत आता है.
साइबर क्राइम के मामले में छापेमारी
अधिकारियों ने बताया कि हमले में एक प्रवर्तन अधिकारी (ईओ) को मामूली चोटें आईं हैं. प्राथमिक उपचार के बाद अधिकारी छापेमारी की कार्रवाई में शामिल हो गए. जांच पीपीपीवाईएल साइबर ऐप धोखाधड़ी के मामले से संबंधित है. सूत्रों ने बताया कि मामले में आरोपी अशोक शर्मा और उसके भाई ने ईडी टीम पर कथित तौर पर हमला किया. उन्होंने बताया कि प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और स्थिति नियंत्रण में है और छापेमारी की कार्रवाई जारी है.
कैसे करते थे अपराध?
सूत्रों ने बताया कि छापेमारी की ये कार्रवाई I4सी और वित्तीय खुफिया इकाई (एफआईयू) से ‘फिशिंग’ (फर्जी ईमेल के लिए लोगों को फंसाना), क्यूआर कोड धोखाधड़ी, अंशकालिक नौकरी का लालच दे कर धोखाधड़ी जैसे साइबर अपराधों के जरिए कई लोगों के साथ धोखाधड़ी के बारे में जानकारी मिलने के बाद शुरू की गई है. यह पाया गया कि इस साइबर धोखाधड़ी के माध्यम से अर्जित धन को 15,000 अवैध खातों के माध्यम से डेबिट और क्रेडिट कार्ड का उपयोग करके निकाला जा रहा था. सूत्रों ने दावा किया कि यह नेटवर्क कुछ चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) द्वारा चलाया जा रहा था. इनपुट भाषा से भी