Fee for pollution checking hike: दिल्ली सरकार ने वाहनों के पीयूसी प्रमाणपत्र के लिए लगने वाली फीस बढ़ा दी है. दोपहिया और तीन पहिया वाहनों पर PUC फीस अब 60 रुपये से बढ़ाकर 80 रुपये कर दिया है. वहीं डीजल वाहनों के लिए ये शुल्क 100 से बढ़ाकर 140 रुपये किया गया है. दिल्ली के परिवहन मंत्री ने ये जानकारी दी है. इसी आदेश के तहत दिल्ली सरकार ने पेट्रोल और सीएनजी से चलने वाले चार पहिया वाहनों के प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र के लिए शुल्क 80 रुपये से बढ़ाकर 110 रुपये कर दिया है. यानी साफ है कि दिल्ली में अब प्रदूषण सर्टिफिकेट लेने के लिए आपको ज्यादा पैसे चुकाने होंगे. सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर फीस बढ़ा दी है. 


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13 साल बाद बढ़ी फीस


दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बृहस्पतिवार को कहा कि दिल्ली सरकार ने लगभग 13 साल के अंतराल के बाद पेट्रोल, सीएनजी और डीजल वाहनों के लिए प्रदूषण नियंत्रण (पीयूसी) प्रमाण पत्र के लिए शुल्क में वृद्धि की है. उन्होंने एक बयान में कहा कि दोपहिया और तीन पहिया वाहनों के पीयूसी प्रमाणपत्र के लिए शुल्क 60 रुपये से बढ़ाकर 80 रुपये और चार पहिया वाहनों के लिए 80 रुपये से बढ़ाकर 110 रुपये कर दिया गया है. गहलोत ने कहा कि डीजल वाहनों के लिए पीयूसी प्रमाणपत्र शुल्क 100 रुपये से बढ़ाकर 140 रुपये कर दिया गया है.


न मानने पर 10000 रुपये जुर्माना


गौरतलब है कि दिल्ली में पॉल्यूशन कंट्रोल को लेकर बहुत सख्ती है. प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर लगाम लगाने के लिए दिल्ली का परिवहन विभाग प्रदूषण नियंत्रण (PUC) प्रमाणपत्रों की समय-समय पर जांच करता है और वैध PUC प्रमाणपत्र न होने पर दिल्ली में आपके उपर 10000 रुपये का भारी जुर्माना भी लगाया जा सकता है.  


क्यों हुआ फैसला?


उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार शहर की वायु गुणवत्ता बनाए रखने और यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि सभी वाहनों में आवश्यक प्रदूषण मानकों को पूरा किया जाये. सामान्य चलन में कहें तो दिल्ली की हवा को और जहरीला होने से बचाने के लिए ये दरें बढाई गई हैं. दिल्ली का एक्यूआई बहुत खराब स्थिति में रहता है, ऐसे में प्रदूषण नियंत्रण करने के लिए हमेशा से यहां कड़े मानकों को लागू करने की मांग की जाती रही है.