नई दिल्‍ली: दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले प्रतिभाशाली छात्रों की जरूरतों को बेहतर ढंग से पूरा करने के लिए दिल्ली सरकार लगभग 100 स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस की शुरुआत करने जा रही है. ये स्कूल विभिन्न विषयों जैसे विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, गणित (स्टेम), प्रदर्शन और दृश्य कला, ह्यूमैनिटीज और 21वीं सदी के कौशल जैसे चार क्षेत्रों में प्रतिभाशाली छात्रों की प्रतिभाओं को और विकसित करेंगे.  इन विद्यालयों का चयन विद्यार्थी अपनी पसंद के आधार पर करेंगे, जहां उन्हें 9वीं से 12वीं तक की स्कूली शिक्षा दी जाएगी. 


भविष्‍य की चुनौतियों के लिए तैयार करेंगे स्‍कूल


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ये मॉडल राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के 5+3+3+4 स्कूली शिक्षा मॉडल के अंतिम 4 वर्षों पर आधारित होगा. दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि हम विशेषज्ञता के युग में जी रहे हैं और हमारे बच्चों को ऐसे अवसरों की जरूरत है जो भविष्य की चुनौतियों के लिए उन्हें तैयार कर सके.  इस दिशा में स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस हमारे बच्चों को उनकी प्रतिभा का विकास करने और उनके रुझान के क्षेत्रों में आगे बढ़ने में मदद करेगा. 



मेंटरशिप कार्यक्रम भी चलाए जाएंगे


बच्चों को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए इन स्कूलों को विश्वविद्यालयों और उद्योगों के साथ भी जोड़ा जाएगा. साथ ही साथ मेंटरशिप कार्यक्रम के तहत उनका मार्गदर्शन किया जाएगा ताकि बच्चें अपने जीवन में उच्चतम उपलब्धियां प्राप्त कर सके.