नई दिल्ली: देश की सीमाओं की रक्षा करने वाला एक जवान फाइनेंस कंपनी के रिकवरी एजेंट की शक्ल वाले गुंडों से अपनी रक्षा नही कर सका. पवन कुमार नाम के इस जवान की गलती सिर्फ इतनी थी कि इसने इंडियाबुल्स नाम की फाइनेंस कंपनी से साढ़े पांच लाख का पर्सनल लोन लिया था. जिसकी एक महीने की 19561 रुपए की किस्त नहीं चुका पाया था. जिसके बाद कंपनी के रिकवरी एजेंट्स उसे लगातार धमकी देते रहे और 29 अगस्त की रात को द्वारका के उसके घर से निकाल कर उसकी डंडों से बुरी तरह पिटाई कर दी.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING


पवन के सिर पर 8 टांके आये हैं. पवन ने इसकी शिकायत पुलिस से भी कर दी. लेकिन पुलिस ने भी बीएसएफ के जवान और नेशनल बॉक्सिंग चैंपियन के साथ इंसाफ नहीं किया. पुलिस ने हल्की धाराओं में एफआईआर दर्ज करके तीन आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद फ़ौरन ज़मानत दे दी. 


दरअसल, पवन कुमार बॉक्सिंग में नेशनल चैंपियन रहे हैं और स्पोर्ट्स कोटे से 2010 में बीएसएफ में भर्ती हुए थे. फिलहाल वो बीएसएफ की 137 बटालियन में तैनात हैं. पीठ में दर्द की वजह से वो 21 मई से 2 महीने से मेडिकल पर थे. मेडिकल नहीं भेजने की वजह से अगस्त की सैलरी नही आई थी. जिसकी वजह से पर्सनल लोन की क़िस्त नही दे पाए थे. जिसके बाद कंपनी के रिकवरी एजेंट्स उनके घर आये और उनकी बुरी तरह पिटाई कर दी. लेकिन जब मामला पुलिस के पास पहुंचा तो पुलिस ने जो किया उसे देख कर बीएसएफ जवान पवन को मायूसी हाथ लगी. हालांकि पुलिस के आला अधिकारी अब सख्त कार्रवाई करने की बात कह रहे है. 


 



लोन की वसूली के इस तरीके को कानून के जानकार जितना गलत बताते हैं. उसे ज्यादा इतनी बुरी तरह चोट लगने और मारते हुए नज़र आने के बावजूद पुलिस का हल्की धाराओं में केस दर्ज करके ज़मानत दे देना को बताते है. पहले पर्सनल लोन लेने के लिए कंपनियों द्वारा लगातार फोन और मैसेज करना और लोन देने के बाद किसी कारण एक क़िस्त ना चुका पाने के कारण उसकी बेरहमी से पिटाई करना कितना जायज़ है.