बुराड़ी केस : आरुषि कांड जैसी होगी जांच, क्राइम ब्रांच को मिला अहम clue
उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी इलाके में एक ही परिवार के 11 लोगों की मौत का रहस्य अब तक नहीं सुलझा है.
नई दिल्ली: उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी इलाके में एक ही परिवार के 11 लोगों की मौत का रहस्य अब तक नहीं सुलझा है. अब तक की तहकीकात में यही संकेत मिल रहा है कि भाटिया परिवार साझा मनोविकृति (psychotic disorder) से ग्रस्त हो सकता है. इस परिवार के 11 सदस्य मृत पाये गए थे. अब इस केस में भी सुनंदा पुष्कर और आरुषि हत्याकांड की तरह पुलिस साइकोलॉजिकल ऑटोपसी (psychological autopsy) का सहारा ले सकती है. पड़ोसियों का कहना है कि इस परिवार के सदस्य काफी मददगार थे. हालांकि वे अपने परिवार के सदस्यों के बारे में कभी भी बात नहीं करते थे. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि परिवार में साझा मनोविकृति के लक्षण दिखाई दिए हैं.
क्या होती है साझा मनोविकृति
पुलिस अफसर के मुताबिक,'साझा मनोविकृति का मतलब है कि भ्रमपूर्ण मान्यताओं को एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में प्रेषित किया जाता है. इस मामले में आशंका यह है कि ललित भाटिया (45) एक ऐसे व्यक्ति थे जिन्हें अपनी मृत्यु के बाद अपने पिता से बात करने का भ्रम था. उसके विश्वास को परिवार के अन्य सदस्यों ने समर्थन भी दिया था.'
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परिवार किसी से घुलता-मिलता नहीं था
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक एक पड़ोसी ने बताया कि भाटिया परिवार कभी भी पड़ोसियों को अपने घर में आमंत्रित नहीं करता था. उन्होंने कहा, 'परिवार ज्यादातर खुद को अलग रखता था. हालांकि वे बहुत दोस्ताना और सौहार्दपूर्ण थे और वे कभी भी हमारे साथ अपने निजी मामलों पर चर्चा नहीं करते थे.'
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4 महीने पहले लगवाए थे 11 पाइप
भाटिया परिवार के मकान की दीवार के एक तरफ लगे संदिग्ध 11 पाइपों के बारे में बात करते हुए पड़ोसियों ने कहा कि उन्होंने इन पाइपों को तीन से चार महीने पहले लगवाया था. भाटिया परिवार के साथ अक्सर गुरुद्वारा जाने वाली एक वृद्ध महिला ने कहा कि वह कभी भी उनके घर नहीं गई थी. उन्होंने कहा,'हम उनकी किराने की दुकान पर घर का सामान खरीदने जाते थे और अक्सर गुरुद्वारा साथ में जाते थे. लेकिन मुझे उन्होंने कभी भी अपने घर नहीं बुलाया था. भाटिया परिवार के बच्चे बहुत ही आज्ञाकारी थे और मैंने कभी भी उनके बीच या क्षेत्र के अन्य बच्चों के साथ उनका झगड़ा होते नहीं देखा था.'
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क्या है मामला
भाटिया परिवार के 11 सदस्यों में से 10 फंदे पर लटके पाये गये थे जबकि 77 वर्षीय नारायण देवी का शव मकान के एक अन्य कमरे में फर्श पर पड़ा मिला था. देवी की बेटी प्रतिभा (57), उनके दो पुत्र भवनेश (50) और ललित भाटिया (45) भी मृतकों में शामिल हैं. भवनेश की पत्नी सविता (48) और उनके तीन बच्चे मीनू (23), निधि (25) और ध्रुव (15) भी मृत मिले थे. ललित भाटिया की पत्नी टीना (42) और उसका 15 वर्षीय पुत्र शिवम भी मृत पाया गया था. प्रतिभा की बेटी प्रियंका (33) की पिछले महीने ही सगाई हुई थी और उसकी इस वर्ष के अंत में शादी होने वाली थी. प्रियंका भी फंदे पर लटकी मिली थी. (इनपुट एजेंसी से भी)