ISIS मॉड्यूल के पकड़े गए 10 संदिग्धों को कोर्ट ने 12 दिन की रिमांड पर भेजा
एनआईए ने दिल्ली और यूपी के ठिकानों से बुधवार को 10 संदिग्धों को गिरफ्तार किया है.
नई दिल्ली : दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई करते हुए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा गिरफ्तार किए गए आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) के मॉड्यूल के 10 संदिग्धों को 12 दिन की रिमांड पर भेज दिया है. साथ ही कोर्ट ने पकड़े गए 10 में से पांच संदिग्धों के परिवारवालों को कोर्ट में ही उनसे मुलाकात की इजाजत भी दी है. एनआईए ने इन्हें बुधवार को दिल्ली और यूपी में छापेमारी करके गिरफ्तार किया था. इनके पास से बड़ी मात्रा में गोला-बारूद और हथियार बरामद किया गया था.
एजेंसी का दावा है कि ये लोग दिल्ली और उत्तर भारत के अन्य क्षेत्रों में नेताओं और सरकारी प्रतिष्ठानों को निशाना बनाकर आत्मघाती हमले और सिलसिलेवार विस्फोट करने की योजना बना रहे थे. इनके संबंध में चौंकाने वाली बात भी सामने आई है. इस आतंकी समूह में शामिल संदिग्ध इंजीनियर से लेकर छात्र तक शामिल हैं.
सूत्रों के मुताबिक ये सभी आतंकी 29 नवंबर को अयोध्या स्थित राम जन्मभूमि पर बड़े आतंकी हमले की फिराक में थे. यह खुलासा जाफराबाद में पकड़े गए आतंकियों से बरामद मोबाइल की चैट में हुआ है. इन सभी आतंकियों को आज दिल्ली स्थित पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया जाना है.
सूत्रों के मुताबिक जाफराबाद में से जो आतंकी मॉड्यूल पकड़ा गया है, उसके मोबाइल चैट से पता चला है कि ये लोग 29 नवंबर को राम जन्म भूमि पर भी फिदायीन अटैक का प्लान बना रहे थे. ये खुलासा इनमें से एक आतंकी अनस की वाट्सएप चैट से हुआ है. वहीं मामले की जांच कर रही एनआईए के हाथ वीडियो भी लगा है. इसमें ये आतंकी टाइम बम बनाते देखे जा सकते हैं. एनआईए के मुताबिक यह वीडियो आतंकी सोहेल के घर पर शूट किया गया था, इस वीडियो में जो आवाज है वो भी सोहेल की है.
जांच एजेंसी एनआईए के महानिरीक्षक आलोक मित्तल ने बताया था कि छापेमारी के दौरान देसी रॉकेट लांचर, आत्मघाती जैकेट के सामान और टाइम बम बनाने में प्रयुक्त होने वाली 112 अलार्म घड़ियां मिली हैं. उन्होंने बताया, ‘‘हमारे द्वारा बरामद 112 अलार्म घड़ियों से स्पष्ट है कि वह सिर्फ एक नहीं बल्कि बड़ी संख्या में बम बनाने की योजना बना रहे थे.’’
उन्होंने कहा था कि दिल्ली पुलिस के विशेष सेल और उत्तर प्रदेश के आतंकवाद निरोधक दस्ते के साथ मिलकर दिल्ली के जाफराबाद और सीलमपुर में छह जगहों पर जबकि उत्तर प्रदेश में 11 जगहों पर छापेमारी की. उत्तर प्रदेश के अमरोहा में छह, लखनऊ में दो, हापुड़ में दो और मेरठ में दो जगहों पर छापेमारी की गई. गिरफ्तार किए गए लोगों में कथित मास्टर माइंड 29 वर्षीय मुफ्ती मोहम्मद सुहैल भी शामिल है. वह पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अमरोहा का रहने वाला है. इसके अलावा नोएडा के एक निजी विश्वविद्यालय में पढ़ने वाला इंजीनियरिंग का छात्र, दिल्ली विश्वविद्यालय में स्नातक के तीसरे वर्ष का छात्र और दो वेल्डर भी गिरफ्तार किए गए हैं.
26 जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोहों से पहले ये छापेमारियां की गई हैं जिसमें अमरोहा के एक मुफ्ती को भी गिरफ्तार किया गया है. मित्तल ने कहा, ‘‘सदस्य तैयारियों के अंतिम चरण के करीब थे. वे लोग बम बनाने में सफलता मिलने का इंतजार कर रहे थे और रिमोट नियंत्रित आईईडी और पाइप बम के जरिए विभिन्न जगहों पर विस्फोट करना चाहते थे. जरूरत पड़ने पर आत्मघाती जैकेटों का प्रयोग कर फिदायीन हमले भी करना चाहते थे.’’
उन्होंने बताया कि जांच एजेंसी ने ‘हरकत उल हर्ब ए इस्लाम’ समूह के 16 लोगों को हिरासत में लिया. इसका सामान्य अनुवाद ‘इस्लाम के हितों के लिए लड़ाई करना है.’ मित्तल ने कहा कि हिरासत में लिए गए 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया. इनमें से पांच अमरोहा से जबकि पांच दिल्ली के सीलमपुर और जाफराबाद से गिरफ्तार किए गए हैं. छह अन्य से पूछताछ की जा रही है. उन्होंने कहा कि और गिरफ्तारियां की जा सकती हैं.
उन्होंने कहा कि 20 से 35 वर्ष के बीच के युवाओं के एक ‘‘बेहद चरमपंथी संगठन’’ के सदस्यों का कोई आपराधिक रिकॉर्ड अभी तक सामने नहीं आया है और यह अपना वित्त पोषण स्वयं कर रहे थे. उन्होंने कहा, ‘‘इसकी पुष्टि हो गई है कि मुफ्ती मोहम्मद सुहैल उर्फ हजरत और उसके सहयोगियों ने धन एकत्र किया, हथियार खरीदे, और आईईडी तथा बम बनाने के लिए सामग्री खरीदी. उनकी योजना दिल्ली और आसपास के इलाकों तथा भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में विस्फोट और फिदायीन हमले करने की थी.’’