नई दिल्ली : दिल्ली सरकार ने सोमवार को एक मंत्रिसमूह का गठन किया कि जो यह देखेगा कि क्या नाबालिगों से बलात्कार के दोषियों के लिए मौत या उम्रकैद की सजा सुनिश्चित करने और इस तरह के मामलों में दोषी नाबालिगों की आयु सीमा में कमी करने के लिए मौजूदा कानून में संशोधन किया जा सकता है। समूह विशेष पुलिस थानों की स्थापना की संभावना भी तलाशेगा।


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मंत्रिसमूह (जीओएम) के गठन का फैसला शहर में ढाई साल की एक बच्ची सहित दो नाबालिगों से बलात्कार के मद्देनजर कानून व्यवस्था की स्थिति पर चर्चा करने के लिए मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में किया गया। समूह 15 दिन के भीतर रिपोर्ट को अंतिम रूप देगा। केजरीवाल ने संवाददाताओं से कहा कि महिला सुरक्षा से संबंधित मुद्दों को देखने के लिए एक हफ्ते के भीतर एक जांच आयोग गठित किया जाएगा और दिल्ली में विभिन्न अदालतों में लंबित बलात्कार से संबंधित मामलों की सूची तैयार की जाएगी जिससे कि उन्हें त्वरित गति से चलाया जा सके।


मुख्यमंत्री ने कहा कि क्योंकि सीआरपीसी और भादंसं समवर्ती सूची का विषय हैं जिस पर दिल्ली सरकार के पास अधिशासी शक्ति है, जीओएम मुद्दे को देखेगा और इस बारे में रिपोर्ट देगा कि क्या दिल्ली सरकार अपराध दर्ज करने और मामले की जांच करने के लिए उन मामलों में विशेष पुलिस थाने गठित कर सकती है जहां महिलाओं को स्थानीय थानों से संतोषजनक जवाब नहीं मिलता। उन्होंने कहा कि जीओएम ठोस प्रस्ताव सौंपेगा, ताकि विधानसभा के अगले सत्र में संशोधन विधेयक लाया जा सके।


मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार इस संबंध में नयी अदालतों के गठन और वर्तमान आधारभूत ढांचे को दुरूस्त करने के लिए धन खर्च करने को तैयार है।