अयोध्या केस में लंबी न्यायिक प्रक्रिया के बाद न्याय मिला: RSS प्रमुख मोहन भागवत
हम कुछ नहीं चाहते कि मस्जिद की जमीन कहां मिले. हम सिर्फ मंदिर चाहते हैं वो हमें मिल गया है.
नई दिल्ली: अयोध्या केस (Ayodhya Case) में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा है कि सभी मिल जुलकर राम मंदिर निर्माण करें. भागवत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले को हार जीत के रूप में ना देखा जाए. भागवत ने कहा कि आरएसएस सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करता है. कोर्ट में सभी पहलुओं पर विचार हुआ है. हमें झगड़ा विवाद समाप्त करना है. अयोध्या की सीमा के अंदर ही मस्जिद बनाए जाने के सवाल पर भागवत ने कहा कि जमीन हमें नहीं देनी है सरकार को देनी है.
मोहन भागवत ने कहा, हम पहले कोर्ट के निर्णय का अध्ययन करेंगे. आगे का काम सरकार देखेगी.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अयोध्या केस (Ayodhya Case) में ऐतिहासिक फैसला सर्वसम्मति यानी 5-0 से सुनाया है. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के नेतृत्व में पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि विवादित जमीन पर राम मंदिर बनेगा. विवादित जमीन रामलला को दी जाएगी. मुस्लिम पक्ष अपने साक्ष्यों से यह सिद्ध नहीं कर पाए कि विवादित भूमि पर उनका ही एकाधिकार था. कोर्ट ने कहा कि मुस्लिम पक्ष को अयोध्या में किसी अन्य जगह मस्जिद निर्माण के लिए पांच एकड़ जमीन दी जाएगी.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार 3 महीने के भीतर एक स्कीम बनाकर एक ट्रस्ट का गठन करेगी जो मंदिर बनवायेगा. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने इससे जुड़ी जो बाकी याचिकाएं हैं, वो खारिज की जाती हैं. आइए आसान शब्दों में जानते हैं अयोध्या विवाद पर पांच सबसे बड़े और अहम फैसलों के बार में-