दिल्ली: अर्पित होटल अग्निकांड में हुई एक और आरोपी की गिरफ्तारी
डीसीपी राजेश देव के अनुसार इस मामले में बीते एक सप्ताह से पुलिस टीम शरदेन्दु की तलाश में छापेमारी कर रही थी.
नई दिल्ली: दिल्ली के करोल बाग के ‘अर्पित होटल’ अग्निकांड मामले में फरार चल रहे ‘होटल अर्पित’ के मालिक राकेश गोयल के भाई शरदेन्दु को गिरफ्तार कर लिया है. उसने गिरफ्तारी से बचने के लिये कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका लगाई थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया. इसके बाद उसने कोतवाली स्थित क्राइम ब्रांच के ऑफिस में आकर आत्मसमर्पण कर दिया. इस मामले में होटल के मालिक राकेश गोयल,मैनेजर विकास और जरनल मैनेजर राजेन्द्र को पुलिस ने पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है.
डीसीपी राजेश देव के अनुसार इस मामले में बीते एक सप्ताह से पुलिस टीम शरदेन्दु की तलाश में छापेमारी कर रही थी. वहीं, इस शरदेंदु ने कोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया. इसके बाद वह सीधा कोतवाली स्थित क्राइम ब्रांच के ऑफिस पहुंचा और आत्मसमर्पण कर दिया. उसके बाद क्राइम ब्रांच ने आरोपी को तीस हजारी कोर्ट में पेश किया. फिलहाल कोर्ट से रिमांड मिलने के बाद पुलिस आरोपी से आगे की पूछताछ करेगी, ताकि पूरे मामले की सच्चाई उससे जान सके.
एक सप्ताह से रिश्तेदारों के घर में छिपा
पुलिस सूत्रों के अनुसार घटना वाली रात होटल के मैनेजर विकास ने फोन कर घटना क्रम के बारे में शरदेन्दु को बताया था. उसने कुछ देर में वहां आने की बात कही थी, लेकिन इसके बाद अपना फोन स्विच ऑफ कर वह फरार हो गया. इसके बाद से वह लगातार इधर-उधर पुलिस से बचता फिर रहा था. इस दौरान उसने अपने ही रिश्तेदारों के घर में पनाह ली, लेकिन पुलिस की लगातार दबिश के चलते आखिरकार उसने क्राइम ब्रांच में आकर आत्मसमर्पण कर दिया. पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार उक्त होटल का लाइसेंस शरदेन्दु के नाम पर ही था, जो लगभग 12 साल पहले लिया गया था.
दोनों भाईयों का आमना-सामना करवाएगी पुलिस
पुलिस कोर्ट में पेश करने के बाद आरोपित शरदेन्दु को रिमांड पर लेगी. पुलिस उसका सामना उसके भाई राकेश से करवाएगी ताकि दोनों की स्पष्ठ भूमिका सामने आ सके. अभी तक की जांच में पता चला है कि यह होटल राकेश का है. उसके खिलाफ वर्ष 2002 में सीबीआई ने ठगी का मामला दर्ज किया था. जिसके चलते उसके नाम पर होटल का लाइसेंस नहीं मिल सकता था. इसलिए उसने वर्ष 2006 में अपने भाई शरदेन्दु के नाम पर इस होटल का लाइसेंस लिया था.
क्या था मामला
12 फरवरी तड़के करीब चार बजे करोल बाग स्थित अर्पित होटल में भीषण आ लग गई थी. उक्त अग्निकांड में 17 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें एक आईआरएस ऑफिसर भी शामिल थे. वहीं उक्त मामले में 17 फरवरी को क्राइम ब्रांच ने एयरपोर्ट पर इमीग्रेशन ऑफिसर सूचना के बाद होटल मालिक राकेश को गिरफ्तार किया था. कतर से इंडिगो फ्लाइट में सवार होकर आरोपित सफर कर रहा है और इसकी जानकारी मिलते ही राकेश गोयल को एयरपोर्ट पर ही दबोच लिया गया. राकेश से पूछताछ में पता चला था कि होटल का लाईसेंस उसके बड़े भाई शरतेन्दु़ गोयल के नाम पर था
अब तक यह हुई थी कार्रवाई
मंगलवार को लगी आग की इस भीषण दुर्घटना में 17 लोगों के मारे जाने के बाद स्थानीय पुलिस ने इस संबंध में आईपीसी की धारा 304 और 308 के तहत के केस दर्ज कर होटल के जनरल मैनेजर राजेंद्र व मैनेजर विकास को गिरफ्तार कर लिया था. पुलिस का कहना था कि इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों को इस मामले में नामजद भी किया जाएगा. वहीं मंगलवार को ही जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई थी.
फौरेंसिक टीम ने साक्ष्यों को जांच के लिये भेजा
वहीं मंगलवार को फौरेंसिक टीम ने भी मौके से लिए गए साक्ष्यों को जांच के लिए भेज दिया. जिस 17 वें व्यक्ति के शव की पहचान नहीं हुई है, उसकी जांच के लिए डीएनए टेस्ट की औपचारिकताएं शुरू की गई. घटना से अब तक इस शव की पहचान नहीं की जा सकी है और कोई परिवार भी सामने नहीं आया है. शव की हालत ऐसी थी कि आग के कारण पूरा हिस्सा ही जल चुका है. इसके चलते पहचान करना संभव नहीं था.
क्या है मालिकों की पृष्ठभूमि
वहीं पुलिस द्वारा कोर्ट में सौंपे गए दस्तावेज के आधार पर यह बात सामने आई है कि होटल की प्रॉपर्टी राकेश कुमार गोयल उर्फ राकेश गोयल उफ पटवारी के नाम है, जबकि होटल का लाइसेंस शरतेन्दु़ गोयल के नाम का है. दोनों भाई हैं. लेकिन मुख्य रूप से पूरे कारोबार को राकेश गोयल ही संभालते थे. इस कारण लोग राकेश को ही होटल के मालिक के रूप में जानते थे. वहीं इसके अलावा इस परिवार का पेंट व हार्डवेयर का भी काम है. करोल बाग के बैंक स्ट्रीट में बने घर के भूतल पर एक बड़ी से दुकान है, जबकि परिवार के सदस्य उपरी मंजिल पर रहता है. वहीं इसकी एक शाखा यमुनापार के जगतपुरी इलाके में भी है.