नई दिल्‍ली: मॉनसून सत्र में लोकसभा में बीजेपी सरकार के खिलाफ अविश्‍वास प्रस्‍ताव को स्‍पीकर की मंजूरी मिलने के बाद विपक्ष के हौसले बुलंद हैं. संप्रग अध्‍यक्ष सोनिया गांधी ने सदन में अपने सांसदों की संख्‍या पर कहा-'कौन कहता है कि हमारे पास संख्‍याबल नहीं है.' शुक्रवार को अविश्‍वास प्रस्‍ताव पर चर्चा के दौरान पूरे विपक्ष की ताकत दिखेगी. 


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केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि ऐसे अविश्‍वास प्रस्‍ताव का कोई उद्देश्‍य नहीं है. हम 20 जुलाई को अपना बहुमत फिर साबित कर देंगे. हम अविश्‍वास प्रस्‍ताव आसानी से जीत लेंगे और विपक्ष को हमारी ताकत का अंदाजा लग जाएगा. एसपी नेता आरजी यादव ने कहा कि विपक्ष के पास पर्याप्‍त संख्‍या बल नहीं है. लेकिन वे नेता हैं जो जनता को बताएंगे कि कैसे सरकार उनके साथ धोखा कर रही है. रामगोपाल यादव ने कहा कि सरकार गिराने लायक जब नंबर नहीं है तो मकसद क्‍यों सरकार गिराने का है? विश्‍वास ये है कि जनता के मन में अविश्‍वास पैदा कर दें.


 



 


कांग्रेस ने पहले ही ऐलान किया था कि वह संसद के मॉनसून सत्र में सभी विपक्षी दलों के साथ मिलकर सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी. लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा था कि सोमवार को विपक्षी दलों की बैठक में शामिल हुईं सभी पार्टियां अविश्वास प्रस्ताव लाने पर सहमत हैं. 


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खड़गे ने कहा था कि कांग्रेस कोशिश करेगी कि सभी विपक्षी दलों को साथ लें. खड़गे ने कहा था कि कांग्रेस इस सत्र में महिला सुरक्षा, बेरोजगारी, मॉब लिन्चिंग, किसानों की स्थिति, अनुसूचित जाति-जनजाति अत्यचार विरोधी कानून, महंगाई, पेट्रोल डीजल की कीमत में बढ़ोतरी और स्विस बैंकों में भारतीयों की ओर से पैसे जमा करने में 50 बढ़ोतरी के मुद्दों को लेकर सरकार को घेरेगी. अविश्वास प्रस्ताव में ये मुद्दे समाहित होंगे. उन्होंने कहा कि संसद में आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग भी वह प्रमुखता से उठाएंगे. खड़गे ने कहा, 'जनता की समस्याओं को सदन में रखने का मौका मिलेगा हम ऐसी आशा करते हैं.'