गुरुग्राम : हरियाणा सरकार ने दिल्ली के सराय काले खां से हरियाणा-राजस्थान सीमा तक हाईस्पीड रेल नेटवर्क स्थापित करने के लिए रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम्स (आरआरटीएस) परियोजना को हरी झंडी दे दी है. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में चंडीगढ़ में शनिवार को आयोजित बैठक में इसके अलावा कई अन्य निर्णय लिए गए. केंद्रीय योजना राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह भी इस बैठक में मौजूद थे.


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मुख्यमंत्री ने कहा कि इन जन-परिवहन योजनाओं से दक्षिण हरियाणा और विशेष रूप से गुरुग्राम में विकास और निवेश को नई रफ्तार मिलेगी. यह बताया गया कि आरआरटीएस परियोजना का मार्ग पुरानी दिल्ली रोड के साथ-साथ गुरुग्राम के लेफ्टिनेंट अतुल कटारिया चौक तक इलेवेटेड होगा, इसके बाद सिग्नेचर टावर चौक तक यह जाएगा. फिर नेशनल हाइवे-48 के पास से गुजरते हुए राजीव चौक पहुंचेगा.


उसके बाद खिड़कीदौला तक यह अंडरग्राउंड मार्ग होगा. उसके बाद यह आईएमटी मानेसर तक होते हुए एनएच (राष्ट्रीय राजमार्ग) के साथ-साथ घारूहेरा, रेवाड़ी और बावल तक जाएगा और राजस्थान सीमा पर समाप्त होगा. इस हाई-स्पीड रेल की औसत स्पीड 100 किलोमीटर प्रति घंटा होगी. दिल्‍ली के सराय काले खां से अलवर तक का 164 किमी का सफर महज 85 मिनट में ही तय हो सकेगा. इस रूट पर सर्वे पूरा हो चुका है और उसके अनुसार इससे रोजाना करीब नौ लाख लोगों का फायदा होगा.


इस हाईस्‍पीड रेल के अंतर्गत अलवर रूट पर 22 स्‍टेशन बनाए जाएंगे. इस पूरे रूट पर 17 स्‍टेशन एलिवेटेड और पांच स्‍टेशन अंडरग्राउंड होंगे. इसके पहले चरण में एनएनबी बावल तक का रूट तय किया जाएगा. इसके तहत सिर्फ गुरुग्राम में ही राष्‍ट्रीय राजमार्ग 8 के साथ साथ सात स्‍टेशन बनाए जाने की योजना है. इनमें मानेसर और खेड़कीदौला के स्‍टेशनों को अंडरग्राउंड बनाया जाएगा.


इस परियोजना के पहले चरण की लागत करीब 25,000 करोड़ रुपये होगी. इस परियोजना को एनसीआर ट्रांसपोर्ट कार्प (एनसीआरटीसी) चलाएगी, जो उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का संयुक्त उद्यम है. एनसीआरटीसी दिल्‍ली-गाजियाबाद-मेरठ और दिल्‍ली-सोनीपत-पानीपत रूटों की भी डीपीआर तैयार कर रहा है. अलवर रूट को पहले चरण में 107 किमी बहरोड़ तक तैयार किए जाने की योजना है.