नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने सुनंदा पुष्कर मौत मामले में कांग्रेस सांसद शशि थरूर की याचिका पर टीवी पत्रकार अर्नब गोस्वामी और उनके चैनल रिपब्लिक टीवी से जवाब मांगते हुए कहा कि वे सांसद के ‘‘चुप रहने के अधिकार’’ का सम्मान करें. थरूर ने अपनी पत्नी सुनंदा की मौत के मामले की ‘गलत रिपोर्टिंग’ पर रोक लगाने का अनुरोध करते हुए याचिका दायर की थी.  जस्टिस मनमोहन ने थरूर की याचिका पर गोस्वामी और रिपब्लिक टीवी को नोटिस जारी किया है. सांसद ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि उनके वकील की ओर से 29 मई को आश्वासन मिलने के बावजूद वे उन्हें ‘‘बदनाम करने और उनकी छवि खराब करने’’ में लगे हुए हैं. इस पर संज्ञान लेते हुए पीठ ने कहा, ‘‘आपको (गोस्वामी और चैनल) को थरूर के चुप रहने के अधिकार का सम्मान करना होगा.’’ 


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क्या कहा दोनों पक्ष के वकीलों ने?


थरूर की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता सलमान खुर्शीद ने अनुरोध किया कि अदालत गोस्वामी और चैनल को निर्देश दे कि वह ‘‘सुनंदा पुष्कर की हत्या’’ वाक्य का प्रयोग न करें क्योंकि अभी तक यह साबित नहीं हुआ है कि उनकी मृत्यु ‘‘हत्या’’ थी. उन्होंने कहा कि इस तरह का निर्देश दिया जाए जिससे कि मुकदमा किसी पूर्वाग्रह से ग्रस्त न हो. गोस्वामी और चैनल की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता संदीप सेठी ने कहा कि समाचार प्रसारित करने के दौरान उन्होंने सिर्फ वास्तविक तथ्य और पुलिस रिपोर्ट दिखाई है. सेठी ने कहा, ‘‘हमने चैनल (रिपब्लिक टीवी) पर प्रसारित किसी भी खबर में उन्हें हत्यारा नहीं कहा है.’’ 


और क्या हुआ कोर्ट में?


न्यायाधीश ने कहा कि हालांकि मौखिक रूप से उन्होंने वकील से कहा था, जिन्होंने आश्वासन दिया था कि नाम नहीं लिया जाएगा. न्यायाधीश ने कहा, ‘‘उन्हें इसका पालन करना होगा.’’ सेठी ने जवाब दिया, ‘‘मेरे मुव्वकिल मेरी ओर से दिए गए आश्वासनों का पालन करते हैं.’’ अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 16 अगस्त के लिए निर्धारित की है. गौरतलब है कि इस मामले में थरूर ने गोस्वामी और चैनल के खिलाफ दो करोड़ रुपये की मानहानि का दावा किया है.