नई दिल्ली: एक भाई दूसरे भाई की हत्या (Man Killed Elder Brother For Sister In Law) कर देता है और परिवार हत्यारे भाई का साथ देकर पूरे मामले पर पर्दा डालने की भरपूर कोशिश कर रहा था, लेकिन अंतिम संस्कार करने वाले पुजारी की समझदारी ने कातिल भाई को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया. सभी को हैरान करने वाली ये अनोखी कहानी राजधानी दिल्ली (Delhi) के करावल नगर इलाके में हुई, जहां हत्या का एक ऐसा केस सामने आया है जिसे सुनकर हर कोई हैरान है.


अंतिम संस्कार से पहले पुजारी को हुआ शक


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दरअसल यहां एक शख्स ने अपने बड़े भाई की हत्या कर दी. हत्या के बाद परिवार ने भी पूरे मामले को छिपाने की कोशिश की लेकिन जब परिवार शव को लेकर शमशान घाट पहुंचा तो वहां के पुजारी को शक हो गया क्योंकि मरने वाले के शव पर घाव के निशान थे, जिसके बाद पुजारी ने पुलिस (Police) बुला ली. फिर शव का पोस्टमार्टम (Postmortem) करवाया गया और जब मामले की जांच की गई तो सामने आई रिश्तों को तार-तार करने वाली कत्ल की एक ऐसी अनोखी कहानी, जिसे सुनकर हर किसी का दिल दहल जाए.


इस बात को लेकर दोनों भाइयों में हुआ विवाद


पुलिस के मुताबिक, करावल नगर में रहने वाले रमेश चंद दिल्ली में होम गार्ड है. उनके दो बेटे हैं. बड़े बेटे का नाम प्रेम शंकर और छोटे बेटे का नाम प्रशांत है. रमेश चंद के बड़े बेटे प्रेम शंकर की इसी साल मई में शादी हुई थी. उनका छोटा बेटा प्रशांत बड़े भाई की साली से फोन पर अक्सर बात करता था और WhatsApp चैट भी करता था. यह बात बड़े भाई प्रेम शंकर को पता चल गई थी. प्रेम शंकर अपने छोटे भाई प्रशांत से इस बात को लेकर बेहद नाराज था. वह बार-बार प्रशांत को अपनी साली से बात करने के लिए मना करता था लेकिन प्रशांत उसकी बात नहीं मान रहा था.


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परिवार की भूमिका पर उठे सवाल


बीते 26 जून को प्रशांत फोन पर बात कर रहा था तभी प्रेम शंकर ने उसे फोन पर बात करते हुए देख लिया और उसे दो-तीन थप्पड़ लगा दिए. इसी बात से नाराज होकर छोटे भाई प्रशांत ने अपने बड़े भाई प्रेम शंकर को गोली मार दी, जिसकी वजह से उसकी मौके पर ही मौत हो गई. यह बात घर वालों को भी पता थी लेकिन हैरानी तो तब हुई जब बड़े बेटे के हत्यारे छोटे बेटे को सजा दिलाने की जगह घर वाले हत्या की इस वारदात को दबाना चाहते थे.


पुजारी को चकमा देने में नहीं हो पाए कामयाब


लिहाजा घर से हत्या के सारे सबूत मिटा दिए गए और रिश्तेदारों को यह बताया गया कि प्रेमशंकर की मौत घर में गिरने की वजह से हुई है. रिश्तेदारों ने भी प्रेम शंकर के घरवालों की बातों पर विश्वास कर लिया. लेकिन घरवाले शमशान घाट के उस पुजारी को चकमा देने में कामयाब नहीं हो सके.


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अगले दिन यानी 27 जून को प्रेम शंकर के शव को श्मशान घाट ले जाया गया. लेकिन अंतिम संस्कार के समय श्मशान घाट में मौजूद पुजारी को कुछ शक हुआ और उसने पुलिस को बुला लिया. फिर पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा और जब इस मामले में सभी से पूछताछ की गई तो इस कहानी से पर्दा उठ गया. पुलिस ने इस मामले में प्रशांत को गिरफ्तार कर लिया है और हत्या में इस्तेमाल की गई पिस्तौल भी बरामद कर ली है.


पुलिस का कहना है कि अगर पुजारी सूझबूझ नहीं दिखाता और समय रहते पुलिस को कॉल नहीं करता तो थोड़ी देर बाद ही परिवार अंतिम संस्कार के नाम पर सारे सबूत और अपना जुर्म भी जला कर राख कर देते.


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