Delhi MCD Election: क्या होगी जीते हुए पार्षदों की जिम्मेदारी, कितनी होती है सैलरी? जानें सबकुछ
Delhi MCD Election 2022: दिल्ली एमसीडी चुनाव 2022 के नतीजे सामने आ गए हैं. आम आदमी पार्टी ने चुनाव में शानदार जीत हासिल की है. आइये आपको बताते हैं दिल्ली में जीते हुए पार्षदों की जिम्मेदारी और सैलरी के बारे में सबकुछ.
Delhi MCD Election Result 2022: दिल्ली एमसीडी चुनाव 2022 में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने 15 साल पुराना भाजपा का किला धवस्त कर दिया है. पार्टी ने 134 सीटों पर जीत दर्ज कर भाजपा को बहुत पीछे छोड़ दिया है. भाजपा को सिर्फ 104 सीटों पर ही जीत मिली है. दिल्ली में नगर निकाय में सरकार बनाने के लिए 126 सीटों की जरूरत है. दिल्ली के लोग अपने वार्डों के लिए 'पार्षद' चुनते हैं. आइये आपको बताते हैं पार्षद कितना कमाते हैं और शहर के प्रबंधन में इन स्थानीय नेताओं की क्या जिम्मेदारी होती है?
कितनी होती है पार्षद की सैलरी?
दिल्ली के पार्षदों को मासिक वेतन मिलता है. इनका सैलरी पैकेज अमूमन 4.9 लाख रुपये सालाना होता है. इसका मतलब है कि उन्हें मासिक वेतन के रूप में 41,000 रुपये मिलते हैं. इसके साथ ही उन्हें कई भत्ते भी मिलते हैं. कथित तौर पर, उन्हें अपने संबंधित वार्डों के विकास के लिए 1 करोड़ रुपये का फंड भी मिलता है. इस पैसे का उपयोग विकास कार्यों के मद में करना होता है. ये राशि तभी जारी की जाती है जब वे कोई परियोजना शुरू करते हैं.
जानें पार्षद की योग्यता
पार्षद की योग्यता में डोमिसाइल, आयु और शिक्षा शामिल है. यदि वह एक प्रतियोगी के रूप में खड़ा है तो वह व्यक्ति वार्ड की मतदाता सूची में होना चाहिए. पार्षद की आयु 21 वर्ष से अधिक होनी चाहिए, कम से कम 10वीं कक्षा तक शिक्षित होना चाहिए और दिल्ली में चुनाव लड़ने के योग्य होना चाहिए.
क्या होती है एक पार्षद की जिम्मेदारी?
दिल्ली एमसीडी पार्षद का मुख्य काम अपने वार्डों को बनाए रखना है. वे सड़कों और नालियों के स्थानीय विकास, सफाई और स्थानीय पार्कों और अन्य सार्वजनिक संपत्ति के रखरखाव के लिए जिम्मेदार होते हैं. वे उन्हें आवंटित धन का उपयोग अपनी पसंद के किसी भी स्थानीय सार्वजनिक कार्य में कर सकते हैं. ये चुनाव हर पांच साल में होते हैं.
AAP ने मारी बाजी
बता दें कि दिल्ली एमसीडी चुनाव में आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिली. लेकिन नतीजे आम आदमी पार्टी के पक्ष में आए हैं. आप को 134 सीटों पर और भाजपा को 104 सीटों पर जीत मिली है. वहीं, कांग्रेस को सिर्फ 9 सीटों से ही संतोष करना पड़ा है. 2017 में भाजपा ने तत्कालीन 270 नगरपालिका वार्डों में से 181 पर जीत हासिल की थी, जबकि AAP ने केवल 48 जीती थी.
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