Delhi Metro News: नीचे कलकलाती यमुना, ऊपर सनसनाती मेट्रो ट्रेन... दिल्ली में अब क्या कमाल करने वाला है DMRC
Delhi Metro Yamuna Bridge: यमुना के ऊपर बन रहा दिल्ली मेट्रो का पांचवां पुल सूरघाट और सोनिया विहार स्टेशनों को जोड़ेगा. यह पुल मजलिस पार्क-मौजपुर कॉरिडोर का हिस्सा है.
Delhi Metro News Today: यमुना पर दिल्ली मेट्रो के लिए बन रहा पांचवां पुल बेहद खास है. यह पहला ऐसा मेट्रो पुल होगा जिसे कैंटिलीवर तरीके से बनाया जा रहा है. दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) के अनुसार, मजलिस पार्क-मौजपुर कॉरिडोर पर स्थित यह पुल 560 मीटर लंबा होगा. इसके जरिए सूरघाट और सोनिया विहार मेट्रो स्टेशनों को कनेक्ट किया जाएगा. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, अभी पुल के सुपरस्ट्रक्चर का काम चल रहा है. 280 मीटर का एक मॉड्यूल पूरा हो चुका है और दूसरे पर काम चल रहा है. इस पुल को बनाने के लिए ब्रिज बिल्डर्स का इस्तेमाल किया जा रहा है. दिल्ली मेट्रो के फेज IV में बन रहा यह पुल 2025 तक बनकर तैयार होने की उम्मीद है.
फेज IV में DMRC तीन नए कॉरिडोर बना रहा है. इन तीनों में से मजलिस पार्क-मौजपुर कॉरिडोर सबसे छोटा (12.318 किलोमीटर) है. इस पर कुल आठ मेट्रो स्टेशन होंगे.
दिल्ली मेट्रो अभी चार पुलों के जरिए यमुना पार करती है:
1. ब्लू लाइन पर यमुना बैंक पुल 698.8 मीटर की लंबाई के साथ सबसे लंबा है. इसे 10 मई 2009 को खोला गया था.
2. रेड लाइन पर शास्त्री पार्क में 553 मीटर लंबा पुल यमुना पार करने वाला सबसे पुराना मेट्रो पुल है क्योंकि यह 24 दिसंबर 2002 को चालू हुआ था.
3. 25 दिसंबर, 2017 से मजेंटा लाइन पर कालिंदी कुंज में 574 मीटर लंबे पुल पर मेट्रो ट्रेनें चलनी शुरू हो गईं.
4. पिंक लाइन पर निज़ामुद्दीन में चौथा पुल 602.8 मीटर लंबा है और 31 दिसंबर, 2018 को खोला गया था.
5. पांचवां पुल भी पिंक लाइन पर होगा, क्योंकि मजलिस पार्क-मौजपुर कॉरिडोर पिंक लाइन का ही विस्तार है.
नया पुल दो मौजूदा पुलों यमुना-वजीराबाद ब्रिज और सिग्नेचर ब्रिज के बीच बनेगा. यह पुल पुराने वजीराबाद पुल से लगभग 385 मीटर नीचे की ओर और मौजूदा सिग्नेचर ब्रिज से 213 मीटर ऊपर की ओर यमुना को पार करेगा.
क्या है कैंटिलीवर कंस्ट्रक्शन
DMRC के मुताबिक, यह कैंटिलीवर कंस्ट्रक्शन मेथड का यूज करके बनाया जाने वाला पहला मेट्रो पुल होगा. कैंटिलीवर उस स्ट्रक्चर को कहते हैं जिसका एक भाग बाहर निकला रहता है, किसी भुजा की तरह. यह भुजा दीवार या घाट से मजबूती से जुड़ी होनी चाहिए. कैंटिलीवर कंस्ट्रक्शन बिना किसी अतिरिक्त सपोर्ट के स्ट्रक्चर की ओवर हैंडलिंग होने देता है. DMRC के एक ऑफिशियल ने कहा कि यह पुल और सुंदर दिखेगा.