दिल्ली-एनसीआर की हवा फिर उगल रही जहर, नोएडा आज सबसे ज्यादा प्रदूषित
प्रदूषित हवा की वजह से दिल्ली-एनसीआर के इलाकों में लोगों को सांस लेने और आंखों में जलन जैसी समस्या का सामना करना पड़ रहा है. बीते 24 घंटे में राजधानी के पड़ोसी राज्यों में 3,914 पराली जलने की घटनाएं दर्ज की गई हैं. इसकी दिल्ली के प्रदूषण में 26 फीसदी हिस्सेदारी रही है.
नई दिल्ली. उत्तर भारत के इलाकों में ठंड बढ़ती जा रही है. इसी के साथ यहां के कई राज्यों की हवा प्रदूषण की वजह से खराब होती जा रही है. दिल्ली-एनसीआर कि कई इलाकों की हवा तो लगातार खतरनाक से गंभीर श्रेणी में पहुंचकर खराब होती जा रही है.
दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स खतरनाक श्रेणी में
सरकारी एप्लीकेशन सफर के मुताबिक आज सुबह 6 बजे दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स 390 पीएम 2.5 के साथ बहुत खतरनाक श्रेणी में दर्ज किया गया. सुबह के करीब 7:30 बजे दिल्ली के कनॉट प्लेस इलाके में तो pm10 - 492 और pm 2.5 - 451 दर्ज किया गया. मौसम विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक आज सुबह राजधानी दिल्ली के सफदरजंग में विजिबिलिटी 200 मीटर दर्ज की गई, तो वहीं पालम में 500 मीटर दर्ज की गई.
नोएडा में है सबसे खराब हालत
नोएडा, दिल्ली-एनसीआर के शहरों में सबसे प्रदूषित शहर के साथ pm10 कैटेगरी में 533 AQI के साथ गंभीर श्रेणी में दर्ज किया गया. इसके अलावा हरियाणा के गुरुग्राम में ओवरऑल एयर क्वालिटी इंडेक्स PM 2.5 - 383 के साथ खतरनाक श्रेणी में दर्ज किया गया. ऐसे में सुबह-सुबह जो लोग मॉर्निंग वॉक या दफ्तर के काम के लिए दिल्ली-एनसीआर के शहरों में सफर कर रहे हैं, उन लोगों को सांस लेने और आंखों में जलन जैसी समस्या का सामना करना पड़ रहा है.
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नहीं थम रही हैं पराली जलने की घटनाएं
दरअसल, राजधानी के पड़ोसी राज्यों में पराली जलने की घटनाएं नहीं थम रही हैं. छठ महापर्व के दौरान भी दिल्ली-एनसीआर में जमकर आतिशबाजी हुई. नतीजा यही हुआ कि हवा की सेहत बिगड़कर गंभीर श्रेणी में पहुंच गई है. दिनभर सड़कों पर स्मॉग की मोटी परत छाए रहने से विजिबिलिटी भी कम रही. स्मॉग के कारण लोगों को आंखों में जलन व सांस संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. अगले 24 घंटे में भी दमघोंटू हवा से राहत मिलने की उम्मीद नहीं है. हवा की रफ्तार कम होने के कारण आज हवा की गुणवत्ता और भी बिगड़ सकती है.
दिल्ली के प्रदूषण में 26% हिस्सेदारी पराली जलने की
सफर के मुताबिक, बीते 24 घंटे में पड़ोसी राज्यों में 3,914 पराली जलने की घटनाएं दर्ज की गई हैं. इसकी दिल्ली के प्रदूषण में 26 फीसदी हिस्सेदारी रही है. हवा की रफ्तार कम होने व उत्तर-पश्चिम दिशा से आने वाली हवाओं के कारण दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण बढ़ रहा है.
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13 नवंबर से प्रदूषण से हल्की राहत मिलने के आसार
इसके अलावा स्थानीय स्तर पर चलने वाली हवाएं 5.5 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चल रही हैं. लेकिन, गुरुवार की रात से इनकी रफ्तार में कमी दर्ज की जा रही है. इसी वजह से दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर गंभीर श्रेणी में बढ़ रहा है. हालांकि मौसम विभाग (IMD)के मुताबिक आगामी 13 नवंबर से प्रदूषण से हल्की राहत मिलने के आसार हैं. लेकिन तब भी हवा बहुत खराब श्रेणी के उच्चतम स्तर में दर्ज की जाएगी.
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