Lok sabha election 2024​: मतदान जागरूकता के लिए शासन-प्रशासन तमाम कवायद करता है. इसके बावजूद कुछ लोग मतदान के प्रति उदासीन रहते हैं, लेकिन फरीदाबाद की एक बुजुर्ग महिला ऐसे लोगों के लिए नजीर पेश करती हैं जो मतदान वाले दिन या तो अपने घरों से निकलते ही नहीं है या फिर अपने परिवार के साथ छुट्टी मनाने के लिए पिकनिक पर चले जाते हैं.


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फरीदाबाद के सेक्टर- 8 की रहने वाली बुजुर्ग चंदेरी देवी 110 साल से ज्यादा उम्र होने के बावजूद उत्साह के साथ पिछले कई वर्षों से मतदान करती आ रही हैं. बुजुर्ग चंदेरी देवी हर बार मतदान के दिन विशेष तौर पर नए वस्त्र पहन कर बूथ पर अपना मतदान करने के लिए जाती हैं, क्योंकि मतदान वाले दिन को चंदेरी देवी किसी उत्सव या पर्व से कम नहीं समझती.


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बुजुर्ग चंदेरी देवी बड़े उत्साह के साथ अपना वोट डालने के लिए बूथ पर जाती है. बुजुर्ग चंदेरी देवी की खास बात यह है कि 110 साल की उम्र हो जाने के बावजूद आज भी बिना किसी सहारे के चल पाती हैं और बिना किसी चश्मा के आंखों से देख पाती हैं और बिना मशीन के कानों से सुन पाती है. इन्ही बुजुर्ग महिला चंदेरी देवी से zee मीडिया के संवाददाता ने खास बातचीत की.


इस दौरान चंदेरी देवी ने बताया कि उनकी उम्र 110 साल है. 1914 में उनका जन्म हुआ था और जब उन्होंने अपना पहला वोट दिया था तो उस समय पंडित जवाहरलाल नेहरू देश के प्रधानमंत्री थे. उसके बाद अलग-अलग समय पर अलग-अलग प्रधानमंत्री रहते हुए उन्होंने वोट दिया है. बुजुर्ग चंदेरी देवी बताती है कि अंग्रेजों के समय बहुत डर लगता था.


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उन्होंने बताया कि शादी ब्याह के समय बहुत डर का माहौल रहता था. शादी के माहौल के समय घर के पुरुष गांव के बाहर पहरा देते रहते थे. गांव में अंग्रेज घुस आते थे. पहले मतदान करने के लिए पैदल जाना पड़ता था गांव से, लेकिन अब गाड़ी से चले जाते हैं. घर में अब तीन-तीन गाड़ियां हैं. अच्छे दिन आ गए हैं. शहीद भगत सिंह को याद कर आज भी बुजुर्ग चंदेरी देवी की आंखें नम हो जाती हैं.


बुजुर्ग चंदेरी देवी बताती है कि शहीद भगत सिंह को याद कर गीत गुनगुनाते हुए चंदेरी देवी भावुक हो जाती हैं. 110 वर्षीय बुजुर्ग चंदेरी देवी का कहना है कि वह लड़कियों की शिक्षा, स्कूल और महिलाओं की सुरक्षा के लिए वोट करने जाती है.