नई दिल्ली: नई दिल्ली की राजेंद्र नगर विधानसभा सीट पर जीत से आम आदमी पार्टी गदगद है. आम आदमी पार्टी के दुर्गेश पाठक ने भारतीय जनता पार्टी के राजेश भाटिया को 11 हजार से ज्यादा वोटों से हराया है. इस जीत से आप उत्साह में है और मानकर चल रही है कि इसका फायदा उसे हिमाचल और गुजरात चुनाव में मिलेगा. वहीं एक सीट की जीत से आम आदमी पार्टी एमसीडी चुनाव में मजबूत दावेदारी पेश करती हुई है. पार्टी नेता अब एमसीडी चुनाव जल्द से जल्द कराने की मांग कर रहे हैं. 


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दिल्ली सरकार में रोजगार, विकास, श्रम, सामान्य प्रशासन और सिंचाई मंत्री गोपाल राय ने बीजेपी पर हमला भी बोला है. कहा कि दिल्ली बीजेपी ने बहुत तिकड़म किए, बुलडोजर चलाया, राजिंदर नगर में 40 बड़े नेताओं की टीम उतारी और नतीजा यह है कि 57 फीसदी लोगों ने AAP को वोट दिया है. BJP के अनुसार ही, अब जनता BJP के साथ नहीं है, ऐसे में जल्द ही डिलिमिटेशन की प्रक्रिया पूरी करके एमसीडी चुनाव कराया जाना चाहिए.


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राय ने कहा कि दिल्ली में एमसीडी चुनाव मई में हो जाने चाहिए थे, लेकिन जैसे BJP के सर्वे में यह रिपोर्ट आई कि वे हार रहे हैं, उसके बाद चुनाव डेट अनाउंस करने वाली पीसी में यह कहा गया कि चुनाव नहीं होगा. उसके बाद, एकीकरण का प्रस्ताव आया और हालात आज यह है कि एमसीडी का कोई माई बाप नहीं है. दिल्ली के पार्कों को लेकर पिछले दिनों एक मीटिंग बुलाई थी, उसमें सवाल करने पर तीनों अधिकारी एक दूसरे का मुंह देखने लगे थे. एमसीडी में हम मजबूती से लड़ेंगे और जीतेंगे.


गोपाल राय की बात काफी हद तक सही भी है. राजिंदर नगर सीट पर बीजेपी ने जहां बुलडोजर, अतिक्रमण की कार्रवाई पर लड़ा वहीं आम आदमी पार्टी ने एमसीडी के मुद्दों को भुनाया. आम आदमी पार्टी ने नाली, साफ-सफाई, साफ पानी जैसे मुद्दों पर लड़ा. यह विशुद्ध रूप से एमसीडी के मुद्दे थे, जिन्हें आम आदमी पार्टी ने विधानसभा चुनाव में मुद्दा बनाया था. 


2012 से लेकर अब तक पार्टी ने बढ़िया परफॉर्म किया है. पिछले 10 साल के भीतर पार्टी ने दो बड़े सूबों में अपनी सरकार बना ली है. हालांकि पंजाब में जीत के बावजूद उसे संगरूर लोकसभा सीट पर झटका लगा है, यहां से आम आदमी पार्टी के मौजूदा मुख्यमंत्री भगवंत मान सांसद थे, जिसे शिरोमणि अकाली दल ने जीत लिया है. दो राज्यों में सरकार बनाने वाली आप देशव्यापी विस्तार की बात कर रही है. इसी साल के अंत तक हिमाचल और गुजरात में चुनाव होने हैं. यहां पार्टी खूब पसीना बहा रही है. 


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केजरीवाल से लेकर मनीष सिसोदिया खूब प्रचार कर रहे हैं. दिल्ली के सीएम केजरीवाल हिमाचल-गुजरात में दिल्ली मॉडल का प्रचार करते हैं. वह दोनों ही राज्यों में अब तक जिन रैलियों को संबोधित किए हैं दिल्ली मॉडल का प्रचार जरूर किया है. पंजाब में भी केजरीवाल ने दिल्ली मॉडल पर चुनाव लड़ा था, फ्री बिजली-पानी केजरीवाल सरकार का अकाट फॉर्म्यूला है. 


हालांकि इससे पहले आम आदमी पार्टी का फोकस दिल्ली में एमसीडी चुनाव है. पार्टी जोरों से एमसीडी चुनाव की तैयारी में है. दिल्ली में अब सिर्फ एक महापौर होगा, इससे भी आप को फायदा हो सकता है, अगर पार्टी जीत हासिल करती है. आम आदमी पार्टी की टक्कर सिर्फ बीजेपी से है, क्योंकि राजधानी में कांग्रेस का जनाधार अब न के बराबर है, या फिर कम होता जा रहा है. राजिंदर नगर सीट पर कांग्रेस कैंडिडेट प्रेमलता की तो जमानत तक नहीं बची है. जीत दर्ज करने के बाद आप विधायक दुर्गेश पाठक ने बीजेपी को चुनौती देते हुए कहा था कि अभी एमसीडी चुनाव करा ले, आप ही जीतेगी.


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राजिंदर नगर सीट पर आम आदमी पार्टी ने 55. 78 फीसदी वोट शेयर हासिल किया है. भाजपा 39.91 प्रतिशत वोट फीसदी के साथ दूसरे और तकरीब 3 फिसदी वोट प्रतिशत के साथ कांग्रेस तीसरे नंबर पर है. दिल्ली के 2020 में हुए विधानसभा चुनाव में आप को 53.6 फीसदी वोट मिला. बीजेपी का 38.5 प्रतिशत और कांग्रेस का 4.26 वोट पर्सेंटेज है. दिल्ली की आधी आबादी आम आदमी पार्टी को वोट करती है. खास बात यह है कि आम आदमी पार्टी के नए नवेले विधायक दुर्गेश पाठक दिल्ली एमसीडी चुनाव के लिए पार्टी के संयोजक भी हैं. इसीलिए उन्हें एमसीडी के मुद्दे पता थे और वो इन्हीं मुद्दों को लेकर जनता के बीच गए थे. फिलहाल आम आदमी पार्टी एमसीडी चुनाव से पहले हुए लिट्मस टेस्ट में पास हो गई है. अब एमसीडी चुनाव में भी बीजेपी के सामने जीत की चुनौती होगी.


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