क्या पुलिस भर्ती हरियाणा कौशल रोजगार निगम के जरिये होगी, अभय चौटाला ने सरकार से किए सवाल
अभय चौटाला ने कहा कि सरकार के पास कर्मचारियों की सैलरी देने के पैसे नहीं है. नई भर्तियां करने के पैसे नहीं है. इन्होंने बुढ़ापा पेंशन में कटौती कर दी, फिर यह किस बात का बजट ट्रेनिंग सेशन आयोजित कर रहे हैं.
पंचकूला: ऐलनाबाद के विधायक अभय चौटाला ने सोमवार को पंचकूला में हुए बजट ट्रेनिंग सेशन के बारे में बात करते हुए सरकार पर निशाना साधा. इनेलो नेता अभय चौटाला ने कहा कि सरकार कम उम्र के बच्चों से विधायकों को यह ट्रेनिंग दिलवा रही है कि बजट कैसे बनता है, किन बातों का ध्यान रखा जाए और बचत कैसे की जाए, लेकिन सरकार पहले यह बताए कि जो 3 लाख करोड़ का कर्ज ले रखा है, उसे कहां खर्च किया.
सरकार प्रदेश पर कर्जा लगातार बढ़ाए जा रही है और विधायकों को अच्छे बजट की ट्रेनिंग दिलवा रही है. उन्होंने कहा कि सदन में ज्यादातर विधायक पढ़े लिखे हैं और वह इन सब बातों से भलीभांति परिचित हैं, लेकिन विधानसभा सत्र के दौरान उन्हें बोलने नहीं दिया जाता. अभय ने सवाल उठाया कि जब विधायकों को बोलने ही नहीं दिया जाएगा तो वह अपने सुझाव और अपनी मांगें कैसे रखेंगे, फिर इन सब ट्रेनिंग सेशन का क्या फायदा.
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अभय चौटाला ने कहा कि सरकार के पास कर्मचारियों की सैलरी देने के पैसे नहीं है. नई भर्तियां करने के पैसे नहीं है. इन्होंने बुढ़ापा पेंशन में कटौती कर दी, फिर यह किस बात का बजट ट्रेनिंग सेशन आयोजित कर रहे हैं. यह सब लोगों की आंखों में धूल झोंकने के लिए है. आने वाले बजट में यह प्रदेश पर 20 से 30 हजार करोड़ का कर्ज और चढ़ा देंगे.
टीजीटी और पीजीटी भर्ती को लेकर उन्होंने कहा इन भर्तियों में जितनी सैलरी एक टीचर को दी जाएगी, उससे ज्यादा पैसे तो मजदूर कमा लेता है. ऐसे में शिक्षा व्यवस्था का हाल क्या होगा. सरकार प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को खत्म कर रही है. सरकार का बजट इतना गड़बड़ा चुका है कि अब नियमित भर्ती करने की हालत में ही नहीं है. हो सकता है भविष्य में पुलिस की भर्ती भी हरियाणा कौशल रोजगार निगम के जरिये ही की जाएं.
अभय चौटाला ने कहा कि सरकार के मंत्री, मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री भी अपने ऐशोआराम के लिए करोड़ों रुपये लुटा रहे हैं. यह सब लोग महंगी गाड़ियों का इस्तेमाल करते हैं. हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल करते हैं जितनी महंगी गाड़ियां मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री इस्तेमाल कर रहे हैं. इतनी महंगी गाड़ियां तो शायद प्रधानमंत्री के काफिले में भी नहीं होतीं.