Greater Noida Lift News: ग्रेटर नोएडा वेस्ट में बन रहे अम्रपाली ड्रीम वैली फेस 2 प्रोजेक्ट में लिफ्ट गिरने से हुए हादसे में अब तक आठ मजदूरों की जान जा चुकी है. इनमें से चार मजदूरों की मौत शुक्रवार को हो गई थी. आज गंभीर रूप से घायल 5 मजदूर में से चार मजदूरों ने दम तोड़ दिया. पुलिस की प्राथमिक जांच और मजदूरों से पूछताछ में पता चला है कि कंस्ट्रक्शन कंपनी और एनबीसीसी के अधिकारी सुरक्षा के मानकों को दरकिनार कर मजदूरों से काम करा रहे थे. पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है. सीएम योगी आदित्यनाथ के कार्यालय की ओर से सोशल मीडिया पर जारी संदेश में हादसे में हुई जनहानि पर गहरा शोक प्रकट किया गया. एक्स हैंडल पर संवेदना प्रकट करते हुए घायलों का उपचार कराने और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं. 


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मालवाहक वाहन से लाए गए घायल
जिला अस्पताल में उस समय माहौल बहुत गमगीन हो गया, जब मृतकों के परिवार वाले शवों को लेने पहुंचे. चारों तरफ अफरातफरी का माहौल में उन्हे समझ ही नहीं आ रहा था कि वो अपने परिवार वालों का शव लेने के लिए किससे सम्पर्क करें. उन्होंने जिला अस्पताल के डॉक्टर और प्रशासन पर लापरवाही के गंभीर आरोप लगाए.7 एक परिजन का कहना था कि घायलों को एंबुलेंस तक उपलब्ध नहीं कराया गया और छोटे हाथी में डालकर उन्हें अस्पताल लाया गया.


25-25 लाख का मुआवजा
इसी बीच शासन की तरफ से घोषणा की गई है कि लिफ्ट हादसे में जान गंवाने वाले मजदूर के परिजनों को 25-25 लाख रुपए दिए जाएंगे. यह धनराशि 24 घंटे में आश्रितों के खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी. डीएम मनीष कुमार वर्मा ने बताया कि इनमें से 5 लाख कोर्ट रिसीवर और 20 लाख रुपए एनबीसीसी की ओर से दिए जाएंगे. इसके साथ ही घायलों का संभव इलाज कराया जाएगा. इसका खर्चा भी एनबीसीसी उठाएगा.


सुप्रीम कोर्ट भी जा चुका है अम्रपाली का मामला
जहां पर यह हादसा हुआ है वह आम्रपाली ड्रीम वैली परियोजना का फेज-2 प्रोजेक्ट है. इसे आम्रपाली ने साल-2010 में लॉन्च किया था. इस परियोजना का काम वर्ष 2015 में रुक गया था. इसके बाद आम्रपाली ग्रुप एनसीएलटी चला गया. दूसरे फेज में 8302 फ्लैट बनाए जाने हैं. वर्ष 2017 में फ्लैट पर कब्जा नहीं मिलने के कारण खरीदार सुप्रीम कोर्ट की शरण में चले गए थे. नवंबर-2020 में सुप्रीम कोर्ट ने एनबीसीसी को निगरानी के लिए नियुक्त कर दिया गया था. एनबीसीसी की ओर से टेंडर जारी किया गया और अधूरे प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए गिरधारी लाल कंस्ट्रेक्शन को जिम्मेदारी दी गई.


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