Delhi Yamuna Pollution: पहाड़ों में लगातार हो रही बारिश का असर राजधानी दिल्ली में भी देखने को मिला. हथिनी कुंड बैराज में जलस्तर बढ़ने के बाद यमुना नदी में पानी छोड़ा गया, जिससे यमुना के निचले इलाकों में बाढ़ आ गई. जलस्तर बढ़ने की वजह से यमुना की गंदगी भी साफ हो गई, लेकिन अब एक बार फिर यमुना किनारे गंदगी का अंबार लगना शुरू हो गया है. अस्पतालों से निकला मेडिकल वेस्ट यमुना के किनारे फेंका जा रहा है, जिसकी वजह से कई गंभीर बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ गया है. 


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दिल्ली में यमुना नदी को साफ करने के लिए सरकार कई साल से काम कर रही थी, लेकिन बाढ़ ने उस यमुना नदी को साफ करने में महज 10 दिन का समय लिया. यमुना नदी के ओवरफ्लो होने की वजह से उसकी गंदगी भी बह कर दूसरी जगहों पर पहुंच गई और यमुना साफ हो गई. लेकिन अब एक बार फिर यमुना को गंदा करने का सिलसिला शुरू हो गया है. बेपरवाह लोग यमुना के किनारे रिहायशी इलाकों समेत निजी फैक्ट्री से निकलने वाले Waste को यमुना के किनारे फेंक रहे हैं, जिसकी वजह से यमुना के किनारे कचड़े का अंबार लग गया है.  


यही नहीं बल्कि कुछ निजी हॉस्पिटल, नर्सिंग होम के ब्लड सैंपल सहित बायोमेडिकल वेस्टेज को यमुना किनारे खुले में फेंका जा रहा है, जिससे यहां रहने वाले लोगों पर बीमारियों का खतरा मंडराने लगा है. 


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यमुना नदी में बाढ़ आने की वजह से जिस तरीके से यमुना साफ हुई ऐसा लगता है कि सरकार से ज्यादा यमुना नदी ने ही खुद को साफ कर लिया है, लेकिन प्रशासन अभी भी लापरवाही बरत रहा है. ऐसे में जरूरत है कि यमुना किनारे कूड़ा डालने वाले या गंदगी फैलाने वाले लोगों पर प्रशासन की तरफ से भारी जुर्माना लगाया जाए. इसके साथ ही समय-समय पर यमुना किनारे प्रशासन के अधिकारियों की नजर बनी रहे, इससे शायद यमुना में पहले की तरह गंदगी नहीं फैलेगी. हालांकि, यहां जगह-जगह पर यमुन में कूड़ा डालने पर 5 हजार रुपये के जुर्माने का बोर्ड जरूर लगाया गया है, लेकिन उस पर काम नही किया जा रहा.


फिलहाल जरूरत है प्रशासनिक अधिकारियों के साथ रिहायशी इलाकों में रहने वाले लोग भी  ऐतिहात बरतें और यमुना किनारे गंदगी न फैलाएं. यमुना किनारे गंदगी फैलाने से आस-पास रहने वाले लोगों को कई घातक बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है.


Input- Nasim Ahmad