अग्निपथ योजना: भारतीय सेना ने उठाया बड़ा कदम, हिंसा में शामिल युवा नहीं किए जाएंगे भर्ती
देश की तीनों सेनाओं में भर्ती को लेकर केंद्र सरकार की नई स्कीम अग्निपथ के बारे में डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स (DMA) के अधिकारियों ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में विस्तार से जानकारी दी. सैन्य अधिकारियों ने बताया कि सशस्त्र बलों के उम्र संबंधी प्रोफाइल को घटाने के लिए, यह सुधार लाए जा रहे हैं.
Agneepath Scheme: सेना में भर्ती के लिए लाई गई अग्निपथ योजना (Agnipath Scheme) को लेकर आज तीनों सेनाओं की तरफ से संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस (Army Joint Press Conference) की गई, जिसमें इस योजना के फायदों के बारे में बताया गया. सैन्य मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव, लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी (Lt General Anil Puri) और तीनों सेना के एचआर हेड प्रेस कॉन्फ्रेंस में उपस्थित रहे.
ये भी पढ़ें: दिल्ली-एनसीआर से इंडिया गेट आने वालों को मिलेगी सिग्नल फ्री रोड, ट्रांजिट कॉरिडोर से मिलेंगे ये फायदे भी
देश की तीनों सेनाओं में भर्ती को लेकर केंद्र सरकार की नई स्कीम अग्निपथ के बारे में डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स (DMA) के अधिकारियों ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में विस्तार से जानकारी दी. सैन्य अधिकारियों ने बताया कि सशस्त्र बलों के उम्र संबंधी प्रोफाइल को घटाने के लिए, यह सुधार लाए जा रहे हैं. सैन्य मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि हर साल करीब 17,600 कर्मी समय से पहले सेवानिवृत्ति लेते हैं. ऐसा नहीं है कि अग्निपथ योजना के तहत ही लोग सेना से बाहर आएंगे. उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों की बढ़ती उम्र का कारण चिंताजनक है, यहां तक कि कारगिल समीक्षा समिति ने भी इस बारे में बात की थी. उन्होंने कहा कि ‘अग्निवीरों’ की सेवा शर्तें नियमित सैनिकों के जैसी ही होंगी.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में थल सेना की तरफ से लेफ्टिनेंट जनरल बंसी पोनप्पा, नौसेना की तरफ से वाइस एडमिरल दिनेश त्रिपाठी और एयरफोर्स की तरफ से एयर मार्शल सूरज झा शामिल हुए.
पीसी के दौरान एयर मार्शल एसके झा ने कहा कि एयर फोर्स 24 जून को अग्निपथ योजना के तहत पंजीकरण प्रक्रिया शुरू करेगी, ऑनलाइन परीक्षा प्रक्रिया 24 जुलाई को प्रारंभ होगी. वायुसेना में अग्निवीरों का पहला बैच दिसंबर में शामिल किया जाएगा, 30 दिसंबर को प्रशिक्षण शुरू होगा.
इस दौरान लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि 'अग्निवीर' को सियाचिन और अन्य क्षेत्रों जैसे क्षेत्रों में वही भत्ता मिलेगा, जो वर्तमान में सेवारत नियमित सैनिकों पर लागू होता है. सेवा शर्तों में उनके साथ कोई भेदभाव नहीं होगा. लेफ्टिनेंट जनरल अरुण पुरी ने कहा हमने योजना का विश्लेषण करने और बुनियादी क्षमता का निर्माण करने के लिए पहले साल 46,000 भर्तियों से छोटी शुरुआत की है. निकट भविष्य में हमारी 'अग्निवीर' की संख्या 1.25 लाख तक पहुंच जाएगी.
अरुण पुरी ने बताया कि देश की सेवा में अपना जीवन कुर्बान करने वाले 'अग्निवीर' को 1 करोड़ रुपये का मुआवजा मिलेगा. उनके लिए अलग से किसी बैरक या ट्रेनिंग सेंटर की व्यवस्था नहीं की जा रही है. अग्निवीर भी नियमित सैनिकों के बराबर की सुविधाएं पाएंगे. उन्होंने कहा कि 4 साल की सेवा के बाद 10वीं पास अग्निवीर को 12वीं का सर्टिफिकेट मिलेगा. मिनिस्ट्री ऑफ हायर एजुकेशन इन्हें 12वीं कराएंगे. वैसे 12th पास पर भी काम चल रहा है. कुछ महीने में उस पर भी फैसला हो जाएगा. सेना से निकलने के बाद अलग-अलग मंत्रालयों और स्टेट पुलिस में भर्ती देने की बात कही गई है. कई राज्यों ने ऐलान किया है. बैंक लोन की सुविधा भी उपलब्ध होगी और वित्तीय संस्थानों द्वारा पैकेज बनाए जाएंगें.
लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि भारतीय सेना की नींव अनुशासन है. आगजनी, तोड़फोड़ करने वालों के लिए सेना में कोई जगह नहीं है. सभी को एक प्रमाण पत्र देना होगा कि वो विरोध या बर्बरता का हिस्सा नहीं थे. फौज में पुलिस वेरिफिकेशन के बिना कोई नहीं आ सकता. इसलिए प्रदर्शन कर रहे छात्रों से अनुरोध है कि अपना समय खराब न करें.
वहीं वाइस एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने कहा कि भारतीय नौसेना जून तक अग्निपथ योजना के तहत भर्ती के ब्योरे के साथ आएगी. अग्निवीरों का पहला बैच 21 नवंबर को प्रशिक्षण संस्थानों में रिपोर्ट करने लगेगा. एडमिरल त्रिपाठी ने कहा कि अग्निपथ योजना के तहत महिला और पुरुष दोनों की भर्ती कर रहे हैं.
WATCH LIVE TV