Ambala News: किसानों की रिहाई की खातिर 13 दिनों से रेल रोको आंदोलन, आमजन हो रहे परेशान
Ambala News: जेल में बंद किसानों की रिहाई की मांगों को लेकर पिछले 13 दिनों से किसान पंजाब के तरफ रेलवे ट्रैक पर धरने पर बैठे हैं, जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है. एक तरफ जहां हर वर्ग के लोगों पर इसका काफी प्रभाव पड़ रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ रेलवे को भी करोड़ों का नुकसान हो रहा है.
Haryana News: जेल में बंद किसानों की रिहाई की मांग को लेकर आज किसानों को रेलवे ट्रैक पर बैठे 13वां दिन था, जिसके कारण रेलवे को काफी नुकसान पहुंच रहा है. न सिर्फ रेलवे बल्कि रेल से सफर करने वाले यात्रियों को अपनी मंजिल तक पहुंचने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है. रेल ट्रांसपोर्टेशन पर भी इसका असर पड़ा है. आज अंबाला रेल मंडल की 2316 ट्रेन प्रभावित हुई है, जिसमें से 953 ट्रेनों को कैंसिल किया गया है. 187 गाड़ियों को शॉर्ट टर्मिनेट किया गया और 553 ट्रेनों को दूसरे मार्ग से डायवर्ट कर चलाया जा रहा है. वहीं 221 मालगाड़ियां भी प्रभावित हुई हैं.
किसानों की है मांग
जेल में बंद किसानों की रिहाई की मांगों को लेकर पिछले 13 दिनों से किसान पंजाब के तरफ रेलवे ट्रैक पर धरने पर बैठे हैं, जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है. एक तरफ जहां हर वर्ग के लोगों पर इसका काफी प्रभाव पड़ रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ रेलवे को भी करोड़ों का नुकसान हो रहा है. यात्रियों को रेल के लिए कई घंटों तक इंतजार करना पड़ रहा है, जिस कारण यात्री स्टेशन पर बैठकर अपनी ट्रेनों का घंटो तक इंतजार कर रहे हैं. इस मामले में जानकारी देते हुए अंबाला रेल मंडल के DRM मनदीप सिंह भाटिया ने बताया कि आज सुबह तक 2316 ट्रेनें प्रभावित हुई हैं, जिसमें से 953 ट्रेनों को कैंसिल किया गया है और 187 ट्रेनें अल्पावधि में शुरू होंगी. वहीं, 955 ट्रेनों को दूसरे मार्ग से डाइवर्ट करके चला दिया गया है. उन्होंने बताया कि 221 माल गाड़ियां भी प्रभावित हुई हैं. फिलहाल पंजाब और हरियाणा सरकार लगातार बात कर रही है, लेकिन अभीतक कोई हल नहीं निकला है. वहीं पार्सल बुकिंग पर भी असर पड़ा है. साथ ही DRM ने बताया कि एक ही लाइन पर ज्यादा गाड़ियां चलने से कोई दिक्कत न आए इसके लिए समय-समय पर मेंटेनेंस की जा रही है.
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जल्द खुलवाएं रास्तें
वहीं, इस आंदोलन का प्रभाव आम जनता पर पड़ रहा है. जनता की मानें तो उनका कहना है कि कई घंटों तक उन्हें रेल गाड़ियां नहीं मिल रही हैं. ऐसे में अगर वह लोग बस में सफर करते है तो उसके लिए भी उन्हें लंबा इंतजार करना पड़ रहा है, जिस कारण वह अपनी मंजिल पर समय पर नहीं पहुंच पा रहे हैं. आम जनता ने कुछ हद तक इस आंदोलन की जिम्मेदार सरकारों को ठहराते हुए कहा कि जब चुनाव का समय होता है तब ये पार्टियां अनाब-सनाब वादें करती हैं और जब सत्ता में है तब ये सब भूल जाते हैं. चुनाव आयोग को चाहिए की इन पर अंकुश लगाएं. लोगों ने सरकार से यह अपील भी की है कि जल्द से जल्द रास्ते खुलवाए जाएं.
INPUT- Aman Kapoor