Ambala News: हरियाणा के अंबाला में अधिकारियों का बत्ती से मोह भंग नही हो रहा है. अनुमति नहीं होने के बावजूद भी अधिकारी सरकारी गाड़ियों पर बहुरंगी बत्तियां लगाकर घूम रहे हैं, जो बताता है कि अफसरशाही पर सरकार का कोई कंट्रोल नहीं है. अंबाला के SDM दर्शन सिंह और ADC अपराजिता की गाड़ियों पर भी बत्तियां लगी हैं, बावजूद इसके उन पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. 


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नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनते ही VIP कल्चर समाप्त करने के लिए सरकारी गाड़ियों पर लाल-नीली बत्ती लगाने पर रोक लगा दी गई थी , लेकिन अंबाला के अधिकारियों पर इसका कोई असर नहीं दिख रहा है. मोटर व्हीकल एक्ट का अधिकारी सरेआम उल्लंघन करते दिख रहे हैं. अंबाला में यह मुद्दा कई बार गरमा चुका है, उसके बावजूद अधिकारी गाड़ियों से बत्ती नहीं उतार रहे हैं. 


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अगर कोई आम आदमी गाड़ियों पर बत्ती लगाकर घूमता पाया जाता तो उस पर चालान के साथ साथ-साथ केस भी दर्ज किया जा सकता है, लेकिन अफसरों पर कार्रवाई करने की हिम्मत कोई नहीं दिखाता. इस मामले में न तो डीसी कुछ बोलने को तैयार हैं और न ही चालान काटने वाले पुलिस अधिकारी कुछ बोलना चाहते हैं.


 


इस बारे में एडवोकेट संदीप सचदेवा ने कहा कि यहां अफसरों की मनमानी चल रही है. वीआईपी कल्चर को खत्म करने के लिए गाड़ियों पर बत्ती लगाने से रोक लगाई गई थी, लेकिन अब भी अधिकारी ऐसा कर रहे हैं. 


क्या कहता है मोटर व्हीकल एक्ट?
मोटर व्हीकल एक्ट के अनुसार वाहनों पर पद नाम की प्लेट नहीं लगाई जा सकती. साथ ही प्रेस, पुलिस आदि जैसे शब्द भी नहीं लिखे जा सकते. हालांकि, अंबाला में कई अधिकारियों की गाड़ियों पर पदनाम की प्लेट लगी है. एडीसी व एसडीएम को मोटर व्हीकल एक्ट, हाईकोर्ट और राज्य सरकार के आदेशों की परवाह नहीं है. 


किन परिस्थितियों पर गाड़ी में लगाई जा सकती है बत्ती
गाड़ियों पर बत्ती विशेष परिस्थितियों में लगाई जा सकती है. इमरजेंसी और डिजास्टर मैनेजमेंट ड्यूटी के दौरान लाल, नीली और सफेद रंग की बत्ती का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके अलावा आपात स्थिति जैसे भूकंप, बाढ़, भूस्खलन, तूफान, सुनामी या मानव निर्मित आपदा जैसे न्यूक्लियर डिजास्टर, केमिकल व बायोलॉजिकल अटैक के दौरान ड्यूटी देने वाले  इस्तेमाल कर सकते हैं. इन स्थितियों के अलावा अन्य किसी वाहन पर बहुरंगी बत्ती का प्रयोग नहीं हो सकता. 


छूट के लिए ये स्टिकर जरूरी
कुछ विशेष परिस्थितियों में यह बत्ती लगाने की छूट है. नियम यह भी है कि यदि छूट मिलती है तो उस पर परिवहन विभाग द्वारा जारी किया गया स्टीकर भी लगा होना चाहिए.


Input- Aman Kapoor