Delhi Crime: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने अमेरिका की फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टीगेशन (FBI) और (CBI) की इंटरपोल की मदद से एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है. जिनके निशाने पर ऐसे लोग होते थे जो कभी न कभी चाइल्ड पोर्नोग्राफी देखने के लिए किसी ना किसी वेबसाइट पर गए थे. पिछले काफी वक्त से ये इंटरनेशनल गैंग अमेरिका के ऐसे ही लोगों को फोन कर कानून के जाल में फंसने का डर दिखाकर मोटी रकम ऐठते थे. जिसकी काफी शिकायत अमेरिका की एफबीआई को मिल रही थी.


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जिसके बाद एफबीआई और स्पेशल सेल ने मिलकर साइबर क्राइम के खिलाफ ट्रांस नेशनल ऑपेरशन किया. इसमें स्पेशल सेल को पार्थ नाम के एक शख्स के बारे में एफबीआई ने सूचना दी. जो गुजरात का रहने वाला है और युगांडा में रहकर कॉल सेंटर चला रहा था. कॉल सेंटर के जरिये ये गिरोह मेक्सिको बॉर्डर पर चाइल्ड पोर्नोग्राफी की बात कह कर डराता था.


ड्रग एनफोर्समेंट अफसर के नाम का करते थे इस्तेमाल
कॉल सेंटर से गिरोह का सदस्य उत्तम ढिल्लों नाम के एक अधिकारी का नाम लेकर अमेरिकन नागरिकों को फोन करता था. उनको खुद का नाम उत्तम ढिल्लो बताकर चाइल्ड पोर्नोग्राफी देखने का लोगों में डर बैठाता था और इस मामले में गिरफ्तार करने को कहता था. आपराधी खुद को उत्तम ढिल्लों अमेरिका में ड्रग एनफोर्समेंट अफसर बताता था. अगर किसी शख्स को थोड़ा भी संदेह होता और वो गूगल पर जाकर उत्तम ढिल्लो के नाम को सर्च करता तो उसे उत्तम ढिल्लो नाम से ड्रग इंफोर्समेंट अफसर के बारे जानकारी मिल जाती थी. इसके बदले पेनल्टी आदि के नाम पर रकम वसूलते थे.


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अब तक ऐंठ चुके लगभग 20 मिलियन डॉलर
एफबीआई ने इनपुट मिलने के बाद स्पेशल सेल की काउंटर इंटेलिजेंस और साइबर की आईएफएसओ ने जांच शुरू की तो वत्सल मेहता, पार्थ और इनके दो साथियों को गिरफ्तार किया गया है. पूछताछ में पता चला कि इन लोगों ने चाइल्ड पोर्नोग्राफी का डर दिखकर अब तक करीब 20 मिलियन डॉलर से ज्यादा रकम ऐंठी है. स्पेशल सेल को जब इनके बारे में पुख्ता सबूत मिले तो दो आरोपियों को उत्तरांचल और दो को गुजरात से गिरफ्तार किया है. पार्थ ने पुलिस को बताया कि वो पिछले काफी समय से कॉल सेंटर की आड़ में ये गोरख धंधा कर रहा था. यूएस में भी इनका इतना सख्त नेटवर्क है कि इनके साथी पीड़ित के पास जाकर पैसा या गोल्ड आदि वसूलते थे.


सोशल मीडिया से चुनते थे शिकार
पुलिस को पूछताछ में पता चला कि ये गिरोह सोशल मीडिया यानी फेसबुक, इंस्टाग्राम के जरिये अपना शिकार चुनते थे. अपने शिकार को चुनने के लिए इनकी बाकायदा एक रिसर्च टीम होती थी जो डार्कनेट आदि की मदद से ऐसे लोगों की पहचान करते थे जो चाइल्ड पोर्नोग्राफी पर जाते हों. अभी तक एफबीआई ने 50 से ज्यादा पीड़ितों की जानकारी दी थी.


स्पेशल सेल के स्पेशल कमिश्नर एसजीएस धालीवाल ने ज़ी मीडिया से खास बातचीत में बताया कि इस ट्रांसनेशनल ऑपेरशन के बाद ये साफ हो गया कि अब अगर कोई विदेश में बैठकर कहीं भी जुर्म करता है तो उसे बख्शा नहीं जाएग. अब दूसरे देशों की एजेंसियों के साथ मिलकर अपराधी को कहीं से गिरफ्तार किया जाएगा. साइबर क्राइम की इस दुनिया में अपराधी देश के बाहर बैठकर भी दुनिया के किसी भी हिस्से में अपराध करने से नहीं डर रहा है. शायद यही वजह है कि पुलिस ने इन चारों को गिरफ्तार कर 5 दिन की रिमांड पर ले लिया है. 


Input: प्रमोद शर्मा