Arvind Kejriwal: केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली के अधिकारों को लेकर जारी अध्यादेश के खिलाफ दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (Delhi CM Arvind Kejriwal) ने आज मुंबई में पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray से की मुलाकात की. सीएम केजरीवाल ने उद्धव ठाकरे से इस अध्यादेश को राज्यसभा में रोकने के लिए समर्थन देने की मांग की. इस मुलाकात के दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल के साथ पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann), राघव चड्ढा (Raghav Chadha), आतिशी (Atishi) भी मौजूद रहे.


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गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने अधिकारियों के तबादले पर फैसला लेने का आदेश दिल्ली सरकार को दिया था, जिसे केंद्र सरकार ने वापस एक अध्यादेश लाकर पलट दिया था. केंद्र सरकार के इसी अध्यादेश के खिलाफ अब सीएम केजरीवाल विपक्ष के नेताओं से लगातार मुलाकात कर रहे हैं. इससे पहले सीएम केजरीवाल ने ममता बनर्जी, नीतीश कुमार, तेजस्वी सादव से भी मुलाकात कर चुके हैं.



चुनी हुई सरकार के पास शक्ति होनी चाहिए- केजरीवाल


इस मुलाकात के बाद सीएम अरविंद केजरीवाल ने उद्धव ठाकरे का आभार जताया. सीएम ने कहा कि हम रिश्ता निभाने वालों में से हैं. सीएम केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि 2015 में हमारी शक्तियां छीनी गई थी. 8 साल तक लड़ाई लड़ने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने हमें वापस अधिकार दिया था, लेकिन केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर सुप्रीम कोर्ट को फैसले  को बदल दिया. बीजेपी में अहंकार है, वे सुप्रीम कोर्ट के फैसले को नहीं मानते हैं.


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सीएम केजरीवाल ने आगे कहा कि जनतंत्र में चुनी हुई सरकार के पास शक्ति होनी चाहिए. ये लड़ाई केवल दिल्ली की नहीं है, ये लड़ाई पूरे देश की है. केजरीवाल ने बीजेपी पर दिल्ली में ऑपरेशन लोटस चलाने की कोशिश करने का भी आरोप लगाया. सीएम केजरीवाल ने कहा कि BJP विधायकों को खरीद कर सरकार गिराती है. अन्य दलों के विधायकों को बीजेपी CBI, ED का डर दिखाती है.


सीएम ने कहा कि अगर सभी विपक्षी दल राज्यसभा में केंद्र के इस बिल गिरा दें तो ये 2024 का सेमीफाइनल होगा और 2024 के बाद यह सरकार दोबारा नहीं आएगी. इस दौरान पंजाब के सीएम भगवंत मान ने देश के लोकतंत्र को खतरे में बताते हुए बीजेपी पर जमकर निशाना साधा.


केंद्र का अध्यादेश जनादेश के खिलाफ- उद्धव ठाकरे


इस मुलाकात के बाद उद्धव ठाकरे ने सीएम केजरीवाल को समर्थन देने का भरोसा दिया है. उद्धव ठाकरे ने कहा कि अधिकारों को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला स्वागत योग्य था. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद केंद्र सरकार द्वारा लाया गया अध्यादेश जनादेश के खिलाफ है. उद्धव ठाकरे ने कहा कि चुने हुए प्रतिनिधियों के पास अधिकार होने चाहिए. अगर यही हाल रहा तो आने वाले समय में केंद्र और राज्यों में एक ही चुनाव होगा.