Jhajjar Asha Workers Protest: झज्जर के लघु सचिवालय में लंबे समय से आंदोलन कर रहीं आशा वर्कर विरोध करते हुए आशा वर्कर ने हरियाणा सरकार को आज चेतावनी दे दी है. आशा वर्कर्स ने चेतावनी भरे शब्दों में कहा कि चुनाव के दौरान किसी भी नेता को गांव में नहीं घुसने दिया जाएगा. आशा वर्कर लघु सचिवालय परिसर में धरने पर बैठे हैं. यूनियन की पदाधिकारी ने 8 अक्टूबर को करनाल में होने वाली ललकार रैली में अधिक से अधिक आशाओं के पहुंचने का आह्वान किया है. 


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बता दें कि लंबे समय से प्रदर्शन कर रही आशा वर्कर यूनियन की पदाधिकारी ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार मांगे पूरी नहीं करती तो चुनाव के दौरान गांव में भाजपा के नेताओं को गांव मे घुसने नहीं दिया जाएगा. जिला प्रधान कविता और सचिव अनीता मनीषा कबलाना ने बताया कि 8 तारीख को करनाल में ललकार रैली होने जा रही है. झज्जर जिले में आशा वर्कर को ललकार रैली में पहुंचने में आह्वान किया है. जिले की 883 आशा वर्कर सीएम मनोहर लाल (CM Manohar Lal) को ललकारने के लिए करनाल में पहुंचेंगे.


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आशा वर्कर यूनियन (Asha Worker Union) ने अपना मानदेय बढ़ाने के लिए दो महीने से धरने प्रदर्शन किया जा रहे हैं, लेकिन सरकार इस मामले को  गंभीरता से नहीं देख रही है. उनकी मांग है कि न्यूनतम वेतन 26000 किया जाए और सामाजिक सुरक्षा ईएसआई, पीएफ की सुविधा सेनावर्ति के बाद परिवार को स्वास्थ्य की गारंटी और अन्य कई सुविधाओं की मांग की गई है. 


सीटू से जिला सचिव किरण बहराना ने कहा कि सरकार आशा के आंदोलन को लंबा खींचना चाहती है और तोड़ना चाहती है, लेकिन हम सरकार को चेतावनी देते हैं कि वह अधिकारों के प्रति जाग चुकी हैं. वह गांव में जाकर जन संवाद (Asha Worker Jansanwad) कर रही है और गांव के लोगों का हमें अच्छा सहयोग मिल रहा है. उन्होंने बताया कि चुनाव के दौर में अगर बीजेपी सरकार का कोई भी नेता हमारे गांव में घुसता है तो उसे हम गांव के नहीं घुसने देंगे. उन्होंने कहा कि समय रहते हुए हरियाणा सरकार आशा वर्कर की मांगों को जल्दी से जल्दी लागू करें नहीं तो आने वाले चुनाव में हरियाणा सरकार (Haryana Election 2023) को नुकसान पड़ सकता है. 


Input: सुमित कुमार