Asian Para Games 2023: भिवानी: भिवानी जिला के छोटे से गांव नौरंगाबाद के प्रदीप कुमार ने सिलाई की मशीन से कपड़े सीलकर अपना गुजर-बसर करते हुए पैरा एशियन गेम्स (Asian Para Games) में सिल्वर मैडल तक का सफर तय किया है. उन्होंने चीन में आयोजित चौथे पैरा एशियन गेम्स में डिस्कस थ्रो (Discus throw) के एफ-64 इवेंट में 46.41 मीटर थ्रो कर देश के लिए सिल्वर मैडल प्राप्त किया. उनकी इस उपलब्धि पर उनके पैतृक गांव नौरंगाबाद में प्रदीप के परिजनों व ग्रामीणों ने मिठाई बांटकर खुशी मनाई और  उनकी इस उपलब्धि को देश के लिए गौरव की बात बताया.


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प्रदीप कुमार की मां ओमली देवी व चाचा बलवान ने उनकी इस उपलब्धि पर गांव में मिठाई बांटकर खुशी मनाई. जब प्रदीप के रिश्तेदारों और ग्रामीणों को उनके पैरा एशियन गेम्स में सिल्वर मैडल जीतने के बारे में पता चला तो प्रदीप के घर लोगों का तांता लग गया जो प्रदीप के परिजनों को बधाई दे रहे थे. बेटे की जीत पर प्रदीप की मां और चाचा ने कहा कि प्रदीप ने निरंतर मेहनत करते हुए इस मुकाम को छुआ है. जो देश के लिए गौरव की बात है. प्रदीप ने सिल्वर मैडल लेते हुए ना केवल गांव, प्रदेश, बल्कि देश का नाम रोशन किया है. उन्होंने कहा कि जब प्रदीप की देश वापसी होगी तो वे धूमधाम के साथ प्रदीप का स्वागत करेंगे. 


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प्रदीप की मां ने बताया कि जहां प्रदीप सिलाई-कढ़ाई करके अपना खर्च निकालता था. वहीं उन्होंने भी पशुपालन व्यवसाय के माध्यम से खूब घी, दूध और दही खिलाया, उसी का नतीजा है कि उनका बेटा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश के लिए सिल्वर मेडल ले पाया है. उनकी इसकी जीत की खुशी पर भाई जयबीर व मौसी संतरा देवी ने कहा कि प्रदीप भिवानी के भीम स्टेडियम में 2012 से प्रैक्ट्सि कर रहा है. वह अपने चार भाई-बहनों में सबसे छोटा है. उन्होंने 2018 के पैरा एशियाई खेलों में भी देश के लिए सिल्वर मेडल प्राप्त किया था.


2012 में एथलेटिक्स की शुरुआत करने वाले प्रदीप ने निरंतर मेहनत करते हुए तीन बार राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया है. इसके साथ ही वे टोक्यो पैरा ओलंपि और रियो पैरा ओलंपिक खेलों के लिए क्वालीफाई कर चुके हैं. उन्होंने 2012 में नेशनल ओपन में सिल्वर मेडल प्राप्त किया था. 2018 में उन्होंने नेशनल ओपन में गोल्ड मेडल प्राप्त किया. 2021 में दुबई में आयोजित फेजा पैरा एथलेटिक्स प्रतियोगिता में सिल्वर मैडल प्राप्त किया. वहीं साल 2018 में इंडोनेशिया में आयोजित पैरा एशियन खेलों में प्रदीप ने सिल्वर मेडल प्राप्त किया. जिसके बाद उसकी किस्मत बदलने लगी. राज्य सरकार व केंद्र सरकार से मिलाकर उन्हें कुल एक करोड़ 70 लाख रुपये की पुरस्कार राशि मिली. जिसके बाद उसने अपने खेल को निरंतर जारी रखते हुए फिर से पैरा एशियाई खेलों में सिल्वर मेडल प्राप्त कर देश का गौरव बढ़ाया है. 


Input: Naveen Sharma