Haryana News: पूर्व विधायक ने बंद करवा दी लड़कियों के लिए चलाई गई फ्री बस सेवा, चुनाव में हार के बाद लिया फैसला
Haryana: कुंडू ने हार के बाद समर्थकों की मीटिंग बुलाई थी. उन्होंने मीटिंग में समर्थकों की मांग पर यहां फैसला लिया. बलराज के समर्थकों ने कहा कि मुफ्त बसें चलाए जाने के बावजूद भी उनके नेता को चुनाव में हार मिली और छात्राओं को स्कूल-कॉलेज और यूनिवर्सिटी ले जाने वाली फ्री बस सेवा को बंद किया जाए.
Haryana News: हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में हार मिलने के बाद नेताओं का गुस्सा सामने आने लगा है. कोई ईवीएम पर सवाल खड़े कर रहा हैं तो कोई अपनी पार्टी के दूसरे उम्मीदवार को ही हार का कारण बता रहा है. ऐसा ही कुछ रोहतक जिले की महम विधानसभा सीट पर देखने को मिला, जहां बलराज कुंडू ने उनके द्वारा लड़कियों के लिए चलाई जा रही मुफ्त बस सेवा को बंद करा दिया है. आपको बता दें कि महम विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे बलराज कुंडू को कांग्रेस प्रत्याशी बलराम दांगी ने 18060 वोटों से हरा दिया. बलराज कुंडू 2019 में महम विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव जीते थे.
कुंडू ने हार के बाद समर्थकों की मीटिंग बुलाई थी. उन्होंने मीटिंग में समर्थकों की मांग पर यहां फैसला लिया. बलराज के समर्थकों ने कहा कि मुफ्त बसें चलाए जाने के बावजूद भी उनके नेता को चुनाव में हार मिली और छात्राओं को स्कूल-कॉलेज और यूनिवर्सिटी ले जाने वाली फ्री बस सेवा को बंद किया जाए.
2019 में जीते थे चुनाव
बलराज कुंडू ने 2019 के विधानसभा चुनाव में पूर्व नेता और कांग्रेस के बड़े नेता आनंद सिंह दांगी को 12,047 वोटों से हराया था. 2019 में निर्दलीय चुनाव लड़ रहे बलराज कुंडू को 49,418 वोट और आनंद सिंह दांगी को 37,371 वोट मिले थे. लेकिन विधानसभा 2024 के नतीजे कुंडू के लिए अच्छे नहीं रहे और उनको हार का सामना करना पड़ा था. कुंडू को आनंद सिंह दांगी के बेटे बलराम दांगी ने हराकर अपने पिता की 2019 में हुई हार का बदला लिया.
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छात्राओं के लिए फ्री थी बस सेवा
आपको बता दें कि बलराज कुंडू समाज सेवा के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने महम के आसपास के गांवों से स्कूल-कॉलेज जाने वाली छात्राओं के लिए 18 बसें चलवाई थी. ताकि छात्राओं को आने-जाने में परेशानी न हो. वहीं इस फ्री बस सेवा से छात्राओं को मदद भी मिल रही थी और उन पर आर्थिक बोझ भी नहीं पड़ता था. लेकिन चुनाव में हार मिलने के बाद इसे बंद करवाने को लेकर बलराज कुंडू ने कहा कि उनका बसें चलाए जाने के पीछे राजनीति से कोई लेना-देना नहीं था और वह यह काम समाजसेवा के लिए करते थे. उन्होंने समर्थकों की मांग पर उन्हें बसों को बंद करने का फैसला लेना पड़ा.
2017 और 18 में चलाई थी बसें
बलराज कुंडू ने साल 2017 और 2018 में लड़कियों के स्कूल-कॉलेज आने-जाने के लिए इस फ्री बस सेवा को शुरू किया था. इन बसों की वजह से छात्राओं के लिए परेशानियां भी कम हो गई थी. लेकिन अब बसें बंद हो जाने की वजह से छात्राओ को स्कूल और कॉलेज जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. अब छात्राओं के सामने रोडवेज की बस, प्राइवेट बस और ऑटो से जाने का ही विकल्प बचा है. महम और इसके आसपास के गांवों से रोहतक में स्कूल-कॉलेज जाने वाली छात्राओं को अब परेशानी उठानी पड़ेगी.