Bhiwani News: केंद्र सरकार द्वारा भारतीय न्याय संहिता 2023 के तहत ई-टैंडर मामले में दोषी पाए जाने पर 10 लाख रुपये का जुर्माना व 7 साल तक की सजा के प्रावधान के खिलाफ देशभर के ट्रक ड्राइवर हड़ताल पर चले गए हैं. इस काले कानून को वापिस लेने की मांग कर रहे हैं. इसके तहत भिवानी में ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के आह्वान पर भिवानी के जनता ट्रक यूनियन के बैनर तले सैंकड़ों ट्रक ड्राइवरों ने आज हड़ताल रखी और इस कानून की वापसी की मांग की.


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नए कानून के तहत कोई भी ट्रक चालक या वाहन से जब किसी व्यक्ति को चोट लग जाती है तो उस व्यक्ति को तुरंत अस्पताल में न पहुंचाए जाने का दोषी पाए जाने पर नए कानून के तहत 10 लाख रुपये का जुर्माना और अधिकत्तम सात साल तक की सजा दिए जाने का प्रावधान है. भारत में 28 लाख से ज्यादा ट्रक चालक 100 अरब किलोमीटर की दूरी तय करते हैं. इन ट्रकों पर 50 लाख से अधिक कार्य करते हैं. ऐसे में ट्रकों के माध्यम से होने वाली सड़क दुर्घटनाएं भी आम देखने को मिलती है.


भिवानी की जनता ट्रक यूनियन के जिला प्रधान बिन्नू शेखावत, ट्रक चालक अजीत सिंह, संजय, राहुल व लक्ष्मण ने बताया कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय गृह मंत्री से आह्वान करते हैं कि इस काले कानून को जल्द से जल्द वापिस लें, अन्यथा वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे.


ट्रक चालकों ने तर्क दिया कि ट्रक से दुर्घटना होने पर आम लोग ट्रक चालक को घेरकर पीटने की प्रवृत्ति आम है. ऐसे में घायल को अस्पताल पहुंचाना उनके लिए संभव नहीं है. ऐसे में 10 लाख रुपये का जुर्माना व पांच से सात साल तक की सजा का प्रावधान गलत है. इस कानून को तुरंत वापस लिया जाना चाहिए. ट्रक ड्राईवरों ने कहा कि उन्हें मात्र 10 से 15 हजार रुपये तनख्वा मिलती है, ऐसे में 10 लाख रुपये का जुर्माना भरना उनके लिए संभव नहीं हैं. वे सड़क पर चलते हुए चिड़िया को मारना भी पसंद नहीं करते, लेकिन दुर्घटना किसी की भी गलती से हो सकती है. इसलिए इस कड़े कानून के तहत ट्रक ड्राइवरों को 5 से 7 साल तक की सजा व 10 लाख रुपये की जुर्माने का प्रावधान करना गलत है.


Input: Naveen Sharma