Bhiwani News: रोहनातवासियों ने भिवानी लघु सचिवालय पर महापंचायत चल रही है.  आज शाम से ग्रामीण लघुसचिवालय के मेन गेट पर अड़े बैठे है. जब तक हमारी मांगे नहीं मानी जाती तब तक हम यहां से नही उठेंगे. इस महापंचायत में नवीन जयहिंद भी पहुंचे.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

जयहिंद ने कहा कि पिछले 22 साल से रोहनात गांव की जमीन के लिए संघर्ष कर रहे वेदप्रकाश ने धरना स्थल पर आत्महत्या कर ली, ये पुरे देश के लिए शर्म की बात है. वेदप्रकाश ने मरने से पहले अपने खून से 13 पेज का सुसाइड नोट में अपनी दर्दभरी कहानी इस गावं के संघर्ष को बयान करती है. वहीं पिछले साल भी एक और बुजुर्ग संत सिंह की ही धरने पर ही मौत हो गई थी. उस वक्त भी वे इस गावं के साथ खड़े थे.  इस बात को आज एक साल से भी ज्यादा हो गया है. उस समय डीसी के आश्वासन के बाद भी बलिदान देने वाले संत सिंह के परिवार में से न तो किसी को आर्थिक सहयोग मिला न ही किसी सदस्य को नौकरी दी गई.


नवीन जयहिंद ने कहा कि आजाद देश में एक गुलाम गावं रोहनात आज भी अपनी आजादी की लड़ाई लड़ रहा है. अंग्रेजों से लड़ाई करने और देश के लिए लड़ना रोहनात गावं को इतना महंगा पड़ गया कि आज भी गुलाम ही हैं. सरकारें सिर्फ राजनीति के लिए इस गावं का इस्तेमाल कर रही हैं.


ये भी पढ़ें: Bhiwani News: धरने पर बैठे बुजूर्ग ने किया सुसाइड, गांव को आजादी न मिलने पर कर रहे थे 6 महीने से प्रदर्शन


जयहिंद ने कहा कि यहां बैठने से न्याय नहीं मिलेगा, इतने दिनों से धरने पर बैठे हैं, लेकिन सरकार की तरफ से कोई भी सुध लेने तक नहीं आया. यहां तक की सरकार का कोई नेता या मंत्री, विधायक कोई सांत्वना देने तक नहीं आया. ऐसे हर रोज कोई नहीं आता इसलिए एक बार में इस मामले का फैसला करें. या तो सीधा मुख्यमंत्री के आवास पर धरना दे या फिर जहां भी उनका जनसंवाद हो वहां पर सभी गावंवासी पहुंचें. उन्होंने कहा कि वे ग्रामीणों के साथ हर मोर्चे पर खड़े हैं. चाहे लठ लगे या केस लगे वो पीछे हटने वाले नहीं हैं.


जयहिंद ने कहा कि मुर्दाघर में वेदप्रकाश की लाश नहीं सरकार की लाश ही, जिसमे कीड़े पड़े हुए हैं. ईमानदारी मोड़ बांधे घुमने वाले मुख्यमंत्री अपने अधिकारीयों की जांच क्यों नहीं करवा रहे हैं. किसने वेदप्रकाश से एक लाख रुपये की मांगे थे. साथ ही एफआईआर अभी तक दर्ज क्यों नहीं हुई है. जब पुलिस के पास सुसाइड नोट है तो उसके आधार पर जांच क्यों नहीं की जा रही है. 
उन्होंने कहा कि अगर न्याय चाहिए तो सरकार से सीधे टक्कर लेनी होगी. इस तरह यहां बैठ कर कोई भी सुनवाई करने नहीं आएगा. बाहरों के कानों में गूंजने के लिए सड़कों पर उतरना होगा.
महापंचायत में पहुंचे नवीन जयहिन्द ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अपने गांव वालों के सामने किए हुए वादे को पूरे करें.


सरकार परिवार को मुआवजा दे और उनके परिवार में किसी सदस्य को सरकारी नौकरी दे और साथ ही कहा कि इन गांववालों ने 1857 की क्रांति में अपना अहम बलिदान किया था. गांव से काफी लोगों ने अपनी शहादत दी थी और साथ ही कहा कि सरकार इस गांव को शहीद गांव का दर्जा दे और वे सभी सुविधाएं उपलब्ध कराए जो एक शहीद गांव को मिलनी चाहिए.


Input: Naveen Sharma