भूपेंद्र हुड्डा ने भी किया हरियाणा सरकार का रिपोर्ट कार्ड पेश, NCRB के आकंड़ों और घोटाले गिनाकर बताई `हकीकत`
हरियाणा सरकार के 8 साल पूरे होने पर मुख्यमंत्री ने दावा किया गया कि उनकी सरकार ने तीन ‘सी’ यानी क्राइम, करप्शन और कास्ट को खत्म करने का काम किया, लेकिन हुड्डा ने तथ्यों के साथ बताया कि मौजूदा सरकार ने तीनों के रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए.
चंडीगढ़ः हरियाणा सरकार के 8 साल पूरे होने पर नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी बीजेपी-जेजेपी सरकार का रिपोर्ट कार्ड पेश किया है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार किसान को एमएसपी, खराबे का मुआवजा, वक्त पर खाद-बीज, युवा को रोजगार, बुजुर्गों को पेंशन, बच्चों को वजीफा, व्यापारी को राहत, नागरिक को सुरक्षा, स्कूल में टीचर, दफ्तर में कर्मचारी, अस्पताल में डॉक्टर, यहां तक कि मरीज को जरूरत पड़ने पर दवाई और ऑक्सीजन भी नहीं दे पाई.
हुड्डा ने कहा, 2014 से पहले हरियाणा प्रतिव्यक्ति आय, प्रति व्यक्ति निवेश, रोजगार सृजन, खिलाड़ियों, किसानों, बुजुर्गों के सम्मान, खुशहाली और विकास में तमाम राज्यों के मुकाबले पहले पायदान पर था, लेकिन इस सरकार के 8 साल में हरियाणा को बेरोजगारी, अपराध, नशा, भ्रष्टाचार, किसानों पर अत्याचार, खिलाड़ियों से भेदभाव और बदहाली में पहले नंबर पर पहुंचा दिया है.
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आलम यह है कि मौजूदा सरकार में बुजुर्ग से लेकर बच्चे तक सड़कों पर उतरकर आंदोलन करने के लिए मजबूर हैं. बच्चे स्कूलों को बचाने के लिए धरने पर बैठे हैं तो बुजुर्ग अपनी पेंशन के लिए. युवाओं को भर्ती घोटालों के खिलाफ, रोजगार की मांग के लिए, खिलाड़ियों को खेल कोटा बचाने के लिए, किसानों को कभी एमएसपी, कभी मुआवजा तो कभी तीन कृषि कानूनों के खिलाफ, व्यापारियों को जीएसटी, लॉकडाउन की अव्यवहारिक पाबंदी के खिलाफ, राहत पैकेज की मांग को लेकर, मजदूरों और कच्चे कर्मचारियों को रोजगार छीनने के खिलाफ, कर्मचारियों को कभी भेदभाव तो कभी पुरानी पेंशन स्कीम की मांग को लेकर, महिला और आम नागरिक को सुरक्षा की मांग को लेकर बार-बार सड़कों पर आना पड़ता है.
हुड्डा ने कहा कि जिस परिवार पहचान पत्र को सरकार उपलब्धि बता रही है, उसने बुजुर्गों की पेंशन और पिछड़ों का आरक्षण खत्म करने के अलावा कोई काम नहीं किया। इसी तरह ‘मेरी फसल, मेरा ब्योरा' ने सिर्फ किसानों की परेशानी को ही बढ़ाया. मुख्यमंत्री की तरफ से दावा किया गया कि उनकी सरकार ने हरियाणा से तीन ‘सी’ यानी क्राइम, करप्शन और कास्ट को खत्म करने का काम किया, लेकिन हुड्डा ने तथ्यों के साथ बताया कि मौजूदा सरकार ने क्राइम, कास्ट और करप्शन के सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए.
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घोटाले पर सरकार को घेरा
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इस सरकार में हजारों करोड़ के घोटाले हुए. HSSC भर्ती घोटाला, HPSC घोटाला, पेपर लीक घोटाला, डाडम खनन घोटाला, यमुना खनन घोटाला, शराब घोटाला, जहरीली शराब घोटाला, धान घोटाला, चावल घोटाला, बाजरा खरीद घोटाला, रजिस्ट्री घोटाला, राशन घोटाला, सफाई घोटाला, रोडवेज किलोमीटर स्कीम घोटाला, HTET घोटाला, छात्रवृति घोटाला, फसल बीमा योजना घोटाला, बिजली मीटर खरीद घोटाला, मेडिकल सामान खरीद घोटाला, शुगर मिल घोटाला, अमृत योजना घोटाला, सफाई घोटाला आदि दर्जनों घोटालों को अंजाम दिया गया, लेकिन सरकार ने किसी भी घोटाले में बड़े मगरमच्छ पर कार्रवाई नहीं की. इक्का-दुक्का मामलों में छोटे कर्मचारियों पर खानापूर्ति की कार्रवाई करके मामले को रफा-दफा कर दिया गया. हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने हरियाणा को बदमाश, माफिया और राजनीतिक गुंडागर्दी से छुटकारा दिलाया था. उस वक्त अपराधी या तो हरियाणा छोड़ गए थे या सलाखों के पीछ पहुंच गए थे, लेकिन मौजूदा सरकार की कानून व्यवस्था की पोल खुद सरकार के आंकड़े खोल रहे हैं.
हत्या और रेप के मामलों में हरियाणा दूसरे नंबर पर
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बताया कि क्राइम रेट के हिसाब से हरियाणा बड़े-बड़े राज्यों से कहीं आगे निकल चुका है. एनसीआरबी रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में साल 2021 में 1144 हत्याएं हुईं. यानी प्रदेश में रोज 3 से 4 लोगों की हत्या होती है. 3.8 मर्डर रेट के साथ हरियाणा पूरे देश में दूसरे नंबर पर है. यही रिपोर्ट बताती है कि 1 साल के भीतर हरियाणा में 1716 रेप के मामले सामने आए. यानी प्रदेश में रोज रेप की 5 वारदात होती हैं. 12.3 रेप रेट के साथ हरियाणा पूरे देश में दूसरे नंबर पर है. 2021 में 3724 किडनैपिंग के केस सामने आए यानी प्रदेश में रोज अपहरण के 10 मामले सामने आते हैं. किडनैपिंग के मामले में हरियाणा असम और उड़ीसा के बाद पूरे देश में तीसरे पायदान पर है.
नशे का काला साम्राज्य इस कदर फैल गया है कि अकेले सिरसा जिले में सालभर में नशे की ओवरडोज से 43 लोगों की मौत हो चुकी है. नशे की वजह से आत्महत्या करने के मामले में हरियाणा ने पंजाब और हिमाचल को पीछे छोड़ दिया है. सालभर के भीतर 89 लोगों ने नशे के चलते खुदकुशी की है. आज अपराध का आलम यह है कि बदमाश विधायकों तक को धमकियां देकर फिरौती मांग रहे हैं और खनन माफिया पुलिस अधिकारी की सरेआम हत्या कर देता है.
रोजगार देने की बजाय छीनने का काम
हुड्डा ने कहा, यह देश की पहली ऐसी सरकार है जो रोजगार देने की बजाय छीनने का काम कर रही है. कच्चे कर्मचारियों से लेकर पीटीआई, ड्राइंग टीचर और गेस्ट टीचर्स को नौकरी से हटा रही है। नए स्कूल को खोलने की बजाय सरकार स्कूलों को बंद करने के मिशन पर आगे बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि मर्जर का नाम देकर एक ही झटके में सरकार ने करीब 5000 स्कूलों को बंद कर दिया. भर्तियां करने की बजाय सरकार ने खाली पड़े पदों को खत्म करने का काम किया. आज पूरे हरियाणा में 1.82 लाख पद खाली है. सिर्फ स्कूलों में 38 हजार टीचर्स के पद खाली हैं, लेकिन बिना भर्ती के सरकार ने लगभग 25000 टीचर्स के पदों को ही खत्म कर दिया. पक्की नौकरी देने के बजाय सरकार कौशल निगम के नाम पर ठेका प्रथा को बढ़ावा दे रही है. सरकार द्वारा पढ़े-लिखे योग्य युवाओं का कम वेतन में शोषण किया जा रहा है.
कोविड काल में सरकार के बयान पर घेरा
हुड्डा ने याद दिलाया कि कोरोना काल के दौरान सरकार की नाकामी के चलते लोगों की आंखों के सामने उनके अपने बिना ऑक्सीजन के तड़प-तड़पकर मर गए. ऐसे परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करने की बजाय बड़ी ही संवेदनहीनता के साथ सरकार ने विधानसभा में कहा कि ऑक्सीजन की कमी से किसी की मौत ही नहीं हुई. किसान आंदोलन के दौरान 700 से ज्यादा मौतों की भी याद दिलाई। उन्होंने बताया कि सात सौ से ज्यादा किसान हरियाणा के बॉर्डर पर शहीद हो गए। लेकिन प्रदेश सरकार का मन नहीं पसीजा। कांग्रेस द्वारा बार-बार मांग के बावजूद सरकार ने उनके परिवारों को आर्थिक मदद और नौकरी नहीं दी। किसानों को आज भी याद है कि कैसे बीजेपी-जेजेपी सरकार ने किसानों पर वाटर कैनन, लाठियां और आंसू गैस के गोले बरसाने का काम किया। इस सरकार ने किसानों पर अत्याचार की सारी सीमाओं को लांघ दिया.
हरियाणा पर भरी भरकम कर्ज पर किया सवाल
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस सरकार के दौरान हरियाणा में 5 पावर प्लांट, 6 रेलवे लाइन और 5 मेडिकल कॉलेज बनवाए गए और कई नेशनल हाईवे मंजूर कराकर बनवाए। उस सरकार में हरियाणा के तीन शहरों को मेट्रो से जोड़ा गया, लेकिन मौजूदा सरकार में ऐसा एक भी संस्थान, उद्योग या परियोजना प्रदेश में नहीं आई. कांग्रेस कार्यकाल में मंजूर हुई परियोजाएं जैसे कि सोनीपत रेल कोच फैक्ट्री वाराणसी, महम एयरपोर्ट जेवर चला गया और सरकार तमाशबीन बनी देखती रही. सरकार बताए कि बिना कोई बड़ा विकास कार्य किए हरियाणा पर कर्ज सवा 3 लाख करोड़ से ज्यादा कैसे हो गया. हुड्डा ने कहा कि गलत आंकड़े पेश करके लोगों को भ्रमित करने की बजाए सरकार श्वेत पत्र जारी करे और बताएं कि उसने अपने पूरे कार्यकाल में एचएसएससी और एचपीएससी के जरिए कुल कितने रोजगार दिए. साथ ही सरकार बताए कि कांग्रेस सरकार के दौरान एचएसएससी, एचपीएससी के साथ पुलिस, शिक्षा, सिंचाई, बिजली समेत अलग-अलग महकमों में कितने हजार रोजगार दिए गए.