चौधरी बीरेंद्र सिंह ने तीन राज्यों के चुनाव परिणाम पर कहा कि इसका उदाहरण उत्तर प्रदेश से देना चाहूंगा, जब उत्तर प्रदेश में चुनाव हुए थे तब विपक्षी दल अपने जोड़-तोड़ में लगे थे कि किस दल को किस जाति के कितने वोट आएंगे, लेकिन जब चुनाव परिणाम आए उनके सारे जोड़-तोड़ धारे के धरे रह गए. इस चुनाव के बाद एक नई जाति सामने आई जो थे लाभार्थी . लाभार्थी लोगों की राजनीति जातिगत राजनीति से बड़ी हो चुकी है. मध्य प्रदेश में भी ऐसा ही देखने को मिला जहां पर महिलाओं की एक नई कांस्टीट्यूएंसी सामने आई. हरियाणा की राजनीति का आधार भी ऐसा ही है. अलग-अलग लाभ और मुफ्त राशन का फैक्टर बहुत बड़ा है जो जाति की राजनीति से ऊपर है.


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बीजेपी और जेजेपी के गठबंधन को लेकर कहा कि गठबंधन जितना लंबा चलेगा उतना ही भाजपा को नुकसान होगा. यह गठबंधन सिर्फ राज चलाने के लिए किया गया था, कोई चुनावी गठबंधन नहीं था. भाजपा को सरकार बनाने के लिए जेजेपी की सहायता लेनी पड़ी थी. अगर हरियाणा विधानसभा और लोकसभा चुनाव एकसाथ होंगे तो चुनाव से पहले गठबंधन टूट जाएगा. वहीं इजराइल में युवाओं को भेजने के मुद्दे पर उन्होंने कहा, यह अच्छी सोच है युवाओं को जाना चाहिए. इजराइल नहीं, बल्कि दूसरे देशों में भी युवाओं को जाना चाहिए. लोकसभा चुनाव को लेकर उन्होंने कहा कि लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ होने चाहिए. इससे हरियाणा भाजपा को फायदा मिलेगा. अगर दोनों चुनाव अलग हुए तो उतना फायदा नहीं मिलेगा.


उचाना विधानसभा सीट को लेकर उन्होंने कहा कि वैसे तो उम्मीदवार का फैसला पार्टी हाईकमान करेगी, लेकिन मैं व्यक्तिगत तौर पर चाहता हूं कि उम्मीदवार मेरे परिवार से हो और मुझे लगता है कि हाईकमान का फैसला हमारे हक में होगा. साथ ही उन्होंने कहा, मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि दुष्यंत चौटाला अब उचाना सीट से चुनाव नहीं लड़ेंगे.


हरियाणा विधानसभा में विधायक गीता भुक्कल के खिलाफ दुष्यंत चौटाला के आरोपों की जांच हाईकोर्ट से कराने के मुद्दे पर बीरेंद्र सिंह ने कहा कि यह मामला न्यायपालिका में नहीं जाना चाहिए. देश में आज तक ऐसा नहीं हुआ और होना भी नहीं चाहिए. अगर ऐसा हुआ तो विधान सभा में न्यायपालिका का हस्तक्षेप होगा, जो नहीं होना चाहिए.


दरअसल  शीतकालीन सत्र के शून्यकाल में उचाना में स्कूल प्रिंसिपल पर छात्राओं द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न का मुद्दा उठाया था. इसके बाद उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा था कि आरोपी प्रिंसिपल के खिलाफ 2005 और 2011 में ऐसी ही शिकायतें आई थीं, लेकिन उसके खिलाफ भी कोई कार्रवाई नहीं की गई थी. इसके बाद डिप्टी सीएम के खिलाफ कांग्रेस ने प्रिविलेज मोशन लाने की बात कही थी. सीएम ने मामले की जांच दोनों सिटिंग जज से कराने की बात कही थी.
Input: Vijay Rana