नई दिल्ली: वसंत विहार के प्रियंका गांधी कैंप को खाली कराने के नोटिस के बाद आज पुलिस और NDRF ने झुग्गियों पर बुलडोजर चलवा दिया. इसके बाद वहां रह रहे लोग इस चिलचिलाती गर्मी में सामान समेत सड़क पर आ गए. इस दौरान महिलाएं और बच्चों ने हाँथ जोड़कर दिल्ली और केंद्र सरकार से गुहार लगाई कि उन्हें उजाड़ने से पहले उनके रहने के लिए कोई जगह की व्यवस्था करने की विनती की, लेकिन उनकी एक नहीं सुनी गई. 


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 एनडीआरएफ और पुलिस पर आरोप 
वहां रह रहे झुग्गीवासियों का आरोप है कि एनडीआरएफ और पुलिस ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया. इतना ही नहीं पुरुष कर्मियों ने महिलाओं के साथ हाथापाई भी की. लोगों का कहना है कि उन्होंने स्थानीय विधायक और पार्षद, सभी जगह कई चक्कर लगाए, लेकिन कोई मिलने तक नहीं आया. इनका पानी भी बंद कर दिया गया था. 


लोगों को निकालकर झुग्गियां कीं निस्तेनाबूत 
आज सुबह NDRF, दिल्ली पुलिस और पैरा मिलिट्री फोर्स बुलडोजर और कई ट्रक लेकर प्रियंका गांधी कैंप पहुंची। इसके बाद वहां रह रहे लोगों को झुग्गियों से निकालने के बाद बुलडोजर चलाना शुरू कर दिया. इस दौरान वर्षों से वहां रह रहे लोगों की आंखों में आंसू थे. उन्होंने रो-रोकर अपनी व्यथा बताई. उनका कहना है कि लगभग बीस साल से ज्यादा समय से वे यहां रह रहे हैं. 



पक्के मकान बना लेने की बताई वजह 


पहले हम प्लास्टिक लगाकर रह रहे थे, लेकिन स्थानीय एक नेता के मदद के आश्वासन के बाद हमने एक-एक पैसा जुटाकर पक्का घर बनाना शुरू कर दिया. बिजली के मीटर भी लग गए और पीने का पानी टैंकर से नियमित आने लगा. लोगों ने अपने बच्चों को यहीं स्कूल कॉलेज में पढ़ाना शुरू कर दिया, लेकिन तभी अचानक NDRF ने इनके घरों पर 15 जून तक झुग्गी खाली करने का नोटिस चिपका दिया. रोज माइक से एनाउंसमेंट कर झुग्गी खाली करने के लिए बोलने लगे. लोगों का आरोप है कि झुग्गियों पर बुलडोजर चलाने के दौरान पुलिस ने उनके साथ ज्यादती की. 


धर्म परिवर्तन के डर से रैन बसेरे में नहीं जा रहे लोग 
जब बेघर हुए लोगों से पूछा गया कि अब बच्चों और सामान के साथ कहां जाएंगे या सरकार ने उन्हें कहां रहने के लिए बोला है तो लोगों ने बताया कि सरकार ने इनसे रैन बसेरा में जाने को कहा. फिर दिक्कत क्या है, इस पर लोगों का कहना है कि वे वहां नहीं जाएंगे, क्योंकि आए दिन सुनने में आता है कि रैन बसेरा में धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है. साथ ही रैन बसेरा में कई तरह के लोग रहते हैं और वहां लोगों का आना जाना लगा रहता है, ऐसे में हम और हमारे बच्चे सुरक्षित नहीं हैं. 


इनपुट: मुकेश सिंह