विजय राणा/चंडीगढ़: भारत की स्वास्थ्य सेवाओं की चर्चा विदेशों में भी होने लगी है. अब दूसरे देशों के लोग भी उन बातों को सीखने के लिए भारत आ रहे हैं, जिससे वह भी अपने देश की स्वास्थ्य सेवाओं को भारत जैसी कर सकें. चंडीगढ़ में चंडीगढ़ पीजीआई और विदेश मंत्रालय की ओर से इंटरनेशनल पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट प्रोग्राम का आयोजन किया गया, जिसमें 20 देशों से चिकित्सा से जुड़े 37 स्पेशलिस्ट और अधिकारियों ने हिस्सा लिया. 


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चंडीगढ़ पीजीआई के स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के प्रोफेसर सोनू गोयल ने बताया कि हम इन सभी डेलिगेट्स को बता रहे हैं कि वे अपने देशों में चिकित्सा सेवाओं को कैसे बेहतर कर सकते हैं, जैसे टेलीमेडिसिन को किस तरह लागू किया जाए ताकि मरीज को हर बार इलाज के लिए डॉक्टर के पास न जाना पड़े. डॉक्टर अस्पताल में बैठे-बैठे मरीज की सारी जानकारियां हासिल कर सकें. इसके अलावा एंबुलेंस सेवा, ब्लड बैंक, ऑर्गन डोनेशन, टीबी और रेबीज कंट्रोल प्रोग्राम आदि के बारे में जानकारी दी गई.


मीडिया से बात करते हुए इराक और ओमान के मेडिकल स्पेशलिस्ट्स ने बताया कि भारत में स्वास्थ्य सेवाएं काफी बेहतर हैं. इसी वजह से दूसरे देशों के लोग भी यहां पर इलाज करवाने के लिए आते हैं. भारत में पीजीआई जैसे बेहतरीन संस्थान है, जो चिकित्सा सेवाओं को लगातार बेहतर बना रहे हैं. इसीलिए हम यहां पर वह तकनीकें सीखने के लिए आए हैं. यहां आकर हमें काफी कुछ सीखने को मिला जो हम अपने देशों में शुरू करेंगे ताकि वहां के लोगों को भी अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें.
 
आपको बता दें कि पीजीआई और विदेश मंत्रालय के इस कार्यक्रम के तहत अभी तक 85 देशों के 1000 से ज्यादा डॉक्टर और अधिकारियों को ट्रेनिंग दी जा चुकी है. इस बार इस कार्यक्रम में सीरिया, तंजानिया, नाइजीरिया, इथियोपिया, पैराग्वे, नेपाल, कजाकिस्तान, बोत्सवाना, ताजिकिस्तान, ओमान, मैक्सिको, लाइबेरिया , जाम्बिया, भूटान, दक्षिण सूडान, इराक, मंगोलिया और मॉरीशस जिस देशों ने हिस्सा लिया.