Charkhi Dadri News: शरारत करने पर माता-पिता की डांट ने बदला हेमंत सांगवान का जीवन, छोटी उम्र में ही बने विश्व चैंपियन
Hemant Sangwan News: मात्र 11 वर्ष की उम्र में ही हेमंत ने बाक्सिंग शुरू की और लगातार मेहनत करते हुए 17 वर्ष की उम्र में ही विश्व विजेता का खिताब अपने नाम कर लिया. विश्व का सबसे छोटी उम्र में गोल्ड मेडलिस्ट बनने का रिकार्ड हेमंत सांगवान के नाम हो गया है.
Charkhi Dadri News: पढ़ाई के दौरान शरारत करने पर माता-पिता की डांट का हेमंत सांगवान का जीवन इस कदर बदल गया कि उसने बाक्सिंग में अपनी प्रतिभा दिखाते हुए गोल्ड मेडल जीतकर अपना व परिजनों का सपना पूरा कर दिखाया है. सिर्फ 17 वर्ष की उम्र में हेमंत सांगवान विश्व का सबसे छोटी उम्र में गोल्ड मेडलिस्ट बनकर इतिहास रच दिया है. हेमंत के माता-पिता पुलिस में हैं सेवारत और वह पीएम मोदी का फेन है. गोल्ड मेडलिस्ट हेमंत ने पीएम द्वारा 2036 में ओलंपिक व पैरा ओलंपिक खेलों की मेजबानी का स्वागत किया और देश के खिलाड़ियों को अच्छा मौका देने पर पीएम का आभार भी जताया है.
बता दें कि चरखी दादरी के गांव खेड़ी बूरा निवासी हेमंत सांगवान ने पिछले दिनों अमेरिका के कोलोराडो में आयोजित विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में 90 कलोग्राम भारवर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर भारत का गौरव बढ़ाया है. हेमंत ने फाइनल बाउट में 4-1 के स्कोर से जीत हासिल करते हुए गोल्ड पर कब्जा किया. पिता विनोद सांगवान व माता सुनीता देवी हरियाणा पुलिस में कार्यरत हैं. माता-पिता की मानें तो हेमंत शरारती था और एक दिन उसे डांट लगाई तो उसका जीवन ही बदल गया.
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मात्र 11 वर्ष की उम्र में ही हेमंत ने बाक्सिंग शुरू की और लगातार मेहनत करते हुए 17 वर्ष की उम्र में ही विश्व विजेता का खिताब अपने नाम कर लिया. विश्व का सबसे छोटी उम्र में गोल्ड मेडलिस्ट बनने का रिकार्ड हेमंत सांगवान के नाम हो गया है. मेडल लेकर अपने गांव खेड़ी बूरा लौटे हेमंत सांगवान को परिजनों व ग्रामीणों ने सम्मानित किया. हेमंत सांगवान ने बताया कि वह पीएम मोदी का फेन है और अब ओलंपिक में देश के लिए सोना जीतना ही उसका टारगेट है. गोल्ड मेडलिस्ट हेमंत ने पीएम द्वारा 2036 में ओलंपिक व पैरा ओलंपिक खेलों की मेजबानी का स्वागत किया और कहा कि अपने देश में ओलंपिक होने पर खेलों व प्रतिभाओं को बढ़ावा मिलेगा. युवाओं को नशे से दूर रहकर मेहनत करने का संदेश देते हुए हेमंत ने अपनी सफलता का श्रेय कोच व परिजनों को दिया है.
Input: Pushpender Kumar