गोद लेकर दो मासूम बच्चों का जीवन बनाया नर्क से बदतर, पढ़कर खौल जाएगा खून
‘इंडियन सोसायटी फॉर रिहैबिलिटेशन’ की ओर से दीपक सिन्हा ने कोलकाता के रविंद्र सरोबर थाने में 29 नवंबर को प्राथमिकी दर्ज कराई.
गुरुग्राम: देश के विभिन्न शहरों में निसंतान दंपति अनाथालयों से बच्चे गोद लेकर माता-पिता बनने का सपना पूरा करते हैं. बच्चों को एक बेहतर जीवन मिले, इसलिए अनाथालय भी गोद लेने वाले परिवार की आर्थिक और सामाजिक हैसियत का आकलन करता है, लेकिन गुरुग्राम में एक ऐसा शर्मनाक मामला सामने आया है, जिसमें एक दंपति ने गोद लिए बच्चों को मां-बाप का प्यार देने की बजाय उनका जीवन ही नर्क बना दिया.
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कोलकाता के अनाथालय से गोद लिए गए दो सगे भाई-बहन के यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया है. आरोप है कि गुरुग्राम के जिस दंपति ने दोनों बच्चों को गोद लिया, उन्होंने तीन महीने बाद दोनों बच्चों को वापस अनाथालय भेज दिया. संगठन से शिकायत मिलने के बाद आरोपी दंपति के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज किया है.
पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी. बताया गया कि बच्चों के मेडिकल परीक्षण के दौरान यह मामला सामने आया. पुलिस ने बताया कि ‘इंडियन सोसायटी फॉर रिहैबिलिटेशन’ की ओर से दीपक सिन्हा ने कोलकाता के रविंद्र सरोबर थाने में 29 नवंबर को प्राथमिकी दर्ज कराई.
शिकायत के अनुसार सेक्टर-10 गुरुग्राम के रहने वाले नितिन शर्मा और उनकी पत्नी ने 30 मार्च को कोलकाता से दो साल की बच्ची और चार साल के उसके भाई को गोद लिया था, लेकिन 12 जुलाई को दोनों बच्चों को वापस कोलकाता भेज दिया. दीपक सिन्हा ने बताया कि गोद लिए जाने से पूर्व बच्चे जिस आश्रय गृह में रह रहे थे, वहां दोनों की मेडिकल जांच की गई, जिसमें उनके यौन शोषण की बात सामने आई. रविंद्र सरोबर थाने में जीरो एफआईआर दर्ज कर ली गई है.