सिविल हॉस्पिटल की पीएमओ का कहना है कि विभाग चूहों को भगाने के लिए हजारों रुपये खर्च कर रहा है, इसके बावजूद चूहों ने नुकसान कर दिया.
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विपिन शर्मा/ कैथल: सिविल अस्पताल प्रशासन की लापरवाही की वजह से करीब 4 साल पहले आई 3.41 करोड़ रुपये की लिथोट्रिप्सी मशीन (पथरी का लेजर से उपचार करने वाली) अब किसी काम की नहीं रही. चूहों ने इस मशीन के तारों को कुतर दिया है.
मंगलवार को मशीन को ठीक करने के लिए इंजीनियर बुलाए गए थे, लेकिन मशीन की हालत देखकर उन्होंने हाथ खड़े कर दिए. सूत्रों के अनुसार इंजीनियर का कहना था कि यह मशीन बिल्कुल डैमेज हो चुकी है. इतना ही नहीं इंजीनियर ने यहां तक कहा कि कमाल है कि इतनी महंगी मशीन को संभालने की जिम्मेदारी किसी को भी नहीं दी गई.
2 साल पहले एक पार्ट्स में तकनीकी खराबी आने के कारण मशीन ने काम करना बंद कर दिया था, लेकिन अब अस्पताल कर्मचारियों की लापरवाही की वजह से अब पूरी डैमेज हो गई है. अस्पताल प्रशासन इस पर लीपापोती कर अपना बचाव कर रहा है.
सिविल हॉस्पिटल की पीएमओ डॉ. रेनू चावला ने बताया कि अस्पताल में चूहे न आए इसके लिए विभाग हर महीने हजारों रुपए खर्च कर रहा है तो ऐसे टेंडर देने का क्या फायदा, जब चूहे मशीन के तार कुतरकर उसे खराब कर दे. मशीन खराब होने की वजह से लोगों को अस्पताल से बाहर महंगे दामों पर इलाज करवाना पड़ रहा है.