Citizenship Amendments Act: आगामी लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले मोदी सरकार ने आज नागरिकता संशोधन कानून लागू करने का ऐलान किया. यह बीजेपी के 2019 के घोषणापत्र का एक अभिन्न अंग था. इससे देश के 3 पड़ोसी देशों से धार्मिक आधार पर प्रताड़ित लोगों के लिए भारत में नागरिकता पाने का मार्ग प्रशस्त होगा. संसद में पांच साल पहेल पारित हुए सीएए पर केंद्र सरकार की तरफ से आज नोटिफिकेशन जारी कर दी गई है. 


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31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में शरण मांगने वालों को मिलेगी नागरिकता
नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 के तहत भारत के 3 पड़ोसी देशों से धार्मिक आधार पर प्रताड़ित होकर भारत आए शरणार्थियों को जिन्होंने 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में शरण मांथी थी उनको भारत की नागरिकता दी जाएगी. 


इन तीन देश के लोगो को मिलेगी नागरिकता: 
1. अफगानिस्तान
2. पाकिस्तान
3. बांग्लादेश


ये 6 जातियां हैं शामिल- हिंदु, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई. 


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CAA से लोगों को मिलेंगे ये अधिकार 
-  पुनर्वास और कानूनी तौर पर नागरिकता की  बाधाएं दूर होगी. 
- दशकों से पीड़ित शरणार्थियों को सम्मानजनक जीवन जीने का आधिकार देता है ये कानून. 
- शरणार्थियों की नागरिकता के आधार पर उनकी सांस्कृकि, भाषा, सामाजिक पहचान की रक्षा होगी. 
- इसी के साथ इस कानून के तहत इन लोगों को आर्थिक, व्यवसायिक, फ्री मूवमेंट, संपत्ति खरीदन सकेंगे. 


बता दें कि भारतीय नागरिकता कानून (CAA) 1955 में बदलाव के लिए नागरिकता संशोधन विधेयक 2016 संसद में पेश किया गया था.  जो कि 10 दिसंबर 2019 लोकसभा में और अगले दिन राज्यसभा में पास हुआ था. 12 दिसंबर 2019 को राष्ट्रपति की मंजूरी मिली थी, जिसके बाद CAA कानून बना था. वहीं आज यानी 11 मार्च 2024 को केंद्र सरकार ने CAA की अधिसूचना जारी कर दी है.