Cough Syrup Controversy: भारत में बनने वाली कफ सिरप (Cough Syrup) से उज्बेकिस्तान (Uzbekistan) में बीते बुधवार को 18 बच्चों की मौतों का मामला सामने आया है. इसको लेकर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने अपने बयान में कहा है कि हमने दो महीने पहले हुई 18 बच्चों की मौतों के मामले की रिपोर्ट्स देखी हैं. उज्बेकिस्तान सरकार जांच कर रही है कि इस मामले का भारत में बनी कफ सिरप से कनेक्शन है या नहीं.


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अरिंदम बागची ने आगे कहा कि वहां मौजूद कंपनी के प्रतिनिधियों के खिलाफ उज्बेकिस्तान की ओर से न्यायिक जांच शुरू कर दी गई है. भारत की ओर से जरूरी न्यायिक सहायता दी जा रही है. वहीं भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय भी इस मामले को देख रहा है और नोएडा में कंपनी के प्लांट की जांच की जा रही है. जब प्रेस कॉन्फ्रेंस में अरिंदम बागची से पूछा गया कि उज्बेकिस्तान का कफ सिरप केस विश्व में भारत की छवि को नुकसान पहुंचा रहा है तो उन्होंने कहा कि भारतीय फार्मास्युटिकल इंडस्ट्रीज पूरे विश्व में भरोसेमंद सप्लायर रही है.


उन्होंने आगे कहा कि भारतीय फार्मास्युटिकल इंडस्ट्रीज अलग-अलग तरह की दवाइयों और फार्मास्युटिकल प्रॉडक्ट्स को लेकर आगे भी भरोसेमंद रहेंगी. जब भी इस तरह के मामले सामने आते हैं तो भारत इन्हें गंभीरता के साथ लेता है.


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भारत के स्वास्थ्य मंत्री ने दिया बयान


भारत के स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने इस मामले में कहा था कि खांसी की दवाई के सैंपल जांच के लिए चंडीगढ़ भेजे गए हैं. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सरकार जांच रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की कार्रवाई करेगी.


18 बच्चों की मौत का जिम्मेदार उज्बेकिस्तान सरकार ने भारत को ठहराया   


उज्बेकिस्तान में कफ सिरप पीकर 18 बच्चों की मौत को लेकर, उज्बेकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने दावा करते हुए कहा कि जिन बच्चों की मौत हुई है, उन सभी ने भारत के नोएडा स्थित मैरियन बायोटेक में बनी कफ सिरप डॉक-1 मैक्स का सेवन किया था. फिलहाल, इस मामले की जांच की जा रही है. उन्होंने आगे बताया कि Marion Biotech pvt Ltd को 2012 में उज्बेकिस्तान में रजिस्टर्ड किया गया था. तो वहीं, भारत में केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन के सूत्रों ने खुलासा किया है कि इस कंपनी की 'डॉक -1 मैक्स' सिरप को मौजूदा समय में भारतीय बाजार में नहीं बेचा जा रहा है.


गाम्बिया से भी सामने आया था बच्चों की मौतों का मामला


आपको बता दें कि कुछ महीने पहले ही गाम्बिया से भी ऐसा ही मामला सामने आया था. जहां कफ सिरप पीने से 66 बच्चों की मौत हो गई थी. इस वक्त भी यहीं कहा गया था कि इन सभी बच्चों की मौत भी भारत में बनी कफ सिरप पीने की वजह से हुई थी. इस मामले में भारत सरकार की तरफ से जांच भी की गई थी.